श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुआ ऐसा, जब एक डॉक्टर को मिली निलंबन की सजा

रीवा मेडिकल कॉलेज के माथे पर एक और दाग लग गया है। छात्राओं से दुर्व्यवहार और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के मामले में एक चिकित्सक को निलंबित कर दिया गया है। इस चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जमकर हंगामा मचा था। डीन तक का घेराव किया गया था। जूडा भी डॉक्टर के बर्ताव के खिलाफ खड़े हो गए थे। अंतत: जांच के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को निलंबित करना पड़ा। प्रभारी डीन ने ईएनटी विभाग के विवादित चिकित्सक को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है।

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुआ ऐसा, जब एक डॉक्टर को मिली निलंबन की सजा
डा अशरफ का निलंबन आदेश

प्रभारी डीन डॉ प्रियंक शर्मा ने आदेश जारी कर डॉ अशरफ को किया निलंबित

रीवा। शासकीय नर्सिंग कॉलेज जीएमएच रीवा की छात्राओं ने ईएनटी विभाग में पदस्थ डॉ अशरफ के खिलाफ लिखित में शिकायत की थी। 80 छात्राओं ने डॉ अशरफ पर गंभीर आरोप लगाए थे। डॉ अशरफ से खुद को असुरक्षित बताया था। मानसिक रूप से प्रताडि़त करने और दुव्र्यवहार का आरोप भी लगाया था। इसकी शिकायत के बाद डीन ने आंतरिक परिवाद समिति को जांच के आदेश दे दिए। जांच समिति की पीठासीन अधिकारी नेत्र रोग विभाग की एचओडी डॉ शशि जैन हैं। उनके नेतृत्व में जांच शुरू हुई। जांच शुरू होते ही कमेटी की पीठासीन अधिकारी भी लपेटे में आ गईं। इन पर ही छात्राओं ने दबाव बनाने की कोशिश का आरोप लगा दिया। डॉ अशरफ को भी अच्छा व्यक्ति बताने की कोशिश करने लगी। ऐसे में छात्राओं को जांच कमेटी पर ही शक होने लगा। न्याय नहीं मिलने के डर से छात्राएं सीधीे कमिश्नर कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, एसपी कार्यालय पहुंच गईं। मामला बढ़ गया। छात्राओं ने अलग से जांच कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग कर दी। कमेटी पर ही आरोप लगता देख। आनन फानन में प्रभारी डीन डॉ प्रियंक शर्मा को कदम उठाना पड़ा। उन्होंने डॉ अशरफ को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। निलंबन अवधि में डॉ मोहम्मद अशरफ, सह प्राध्यापक ओटो राइनो लैरिगोलॉजी विभाग को अधिष्ठाता कार्यालय में अटैच किया गया है। 

डिप्टी सीएम से मिलने की कोशिश में लगे रहे डॉ अशरफ

निलंबन आदेश एक  दिन पहले यानि 13 जुलाई को ही जारी कर दिया गया था। इसकी काफी भी डॉ अशरफ को भेज दी गई थी। निलंबन के बाद डॉ अशरफ अपनी सजा से बचने के लिए डिप्टी सीएम से मिलने की कोशिश में लगे रहे। सूत्रों की मानें तो डॉ अशरफ अपने इस प्रयास में सफल नहीं हुए।