डॉ अशरफ को लेकर मचा बवाल और अंत में डीन आ गए लपेटे में एबीवीपी ने डीन के लिए कर डाली ज्ञापन में यह मांग
मंगलवार को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में जमकर बवाल बचा। एबीवीपी ने डॉ अशरफ पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया। ज्ञापन देने डीन को पहुंचे थे लेकिन यहां हालात ऐसे बन गए कि जिसे ज्ञापन देने पहुंचे थे। उसे ही हटाने की मांग कर बैठे। एबीवीपी ने ज्ञापन में दूसरी मांग डीन को हटाने की कर डाली। अब डीन की मुश्किलें बढऩे वाली हैं।

एबीवीपी में ज्ञापन सौंप कर डीन डॉ सुनील अग्रवाल को भी हटाने की मांग की
रीवा। ज्ञात हो कि डॉ अशरफ के खिलाफ नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने दुव्र्यवहार और मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। इस आरोप के खिलाफ डीन ने जांच बैठा दी है। इसी मामले में डॉ अशरफ के खिलाफ कार्रवाई करने का ज्ञापन देने मंगलवार को एबीवीपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी डीन कार्यालय पहुंचे थे। डीन ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए कॉलेज और अस्पताल से गार्ड बुला लिए। जमकर मारपीट हो गई। गार्ड ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद हंगामा बढ़ गया। डीन को ज्ञापन देने से ही कार्यकर्ताओं ने इंकार कर दिया। कमिश्नर को बुलाने की जिद पर अड़ गए। कमिश्नर जब तक नहीं आए तब तक हंगामा चलता रहा। जब पता चला कि कमिश्नर रीवा में नहीं हैं तो डिप्टी कमिश्नर को बुलाया गया। डिप्टी कमिश्नर को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन तो सौंपा लेकिन एक और मांग जोड़ दी गई। इस मांग से अब डीन की मुश्किलें बढऩे वाली हैं।
डीन को रीवा मेडिकल कॉलेज से हटाने की मांग
मेडिकल कॉलेज में एबीवीपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों पर हमला किया गया। इससे नाराज कार्यकर्ताओं ने डीन को हटाने की ही मांग कर डाली है। डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंप कर डॉ अशरफ के निलंबन की पहली मांग की है। वहीं दूसरी मांग मेडिकल कॉलेज के डीन पद से डॉ सुनील अग्रवाल को हटाने की मांग की है। डीन के खिलाफ एबीवीपी का आक्रोश उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
विवादित हो गए हैं मेडिकल कॉलेज के डीन
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में डीन की रेग्युलर पदस्थापना की गई थी। उम्मीद थी कि नियमित डीन के आने से व्यवस्थाओं में सुधार आएगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब डीन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। स्टाफ भी नए डीन से नाखुश हैं। अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भी चौंपट हो गई हैं। डीन हर चीज पर कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। इनके कारण डॉक्टर भी एक एक कर अस्पताल से छोडऩे की तैयारी करने में जुट गए हैं। एक तरफ डिप्टी सीएम डॉक्टरों की भर्ती करने में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सुपर स्पेशलिटी और मेडिकल कॉलेज से डीन से नाखुश होकर डॉक्टर छोड़कर जा रहे हैं। हाल ही में एक डॉक्टर ने नौकरी छोडऩे के पहले एक महीने का अल्टीमेटम नोटिस दे दिया है।