सड़क के लिए गांव के लोग सड़क पर उतरे, लगाया जाम, पुलिस ने पहुंच कर समझाया
सोमवार की सुबह रीवा बनकुइयां मार्ग पर एक गांव के लोगों ने जाम लगा दिया। घंटों सड़क पर जाम लगा रहा। बाद में चोरहटा पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों को समझाइश दी। मनाया बुझाया तब ग्रामीण शांत हुए और जाम हटाया। इस जाम के कारण लोगों को घंटो परेशान होना पड़ा। वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।

जेरुका गांव के लोगों ने सड़क को लेकर लगाया जाम, घंटो लग रहा जाम
रीवा। बारिश आते ही गांव से शहर तक सड़क की समस्या विकराल हो जाती है। कीचड़ और जलभराव घर तक पहुंचने से लोगों को रोक देते हैं। दो दिन पहले रीवा जिला में ऐसी बारिश हुई तो चारों तरफ पानी ही पानी हो गया है। सड़कें तालाब बन गई हैं। वहीं जो खेतों से होकर आते थे। उनका रास्ता बंद हो गया है। कच्ची सड़कों और पगडंडिय़ों से निकला मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि लोग अब सड़क के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। सोमवार को जेरुका गांव के लोगों ने भी सड़क के लिए हंगामा कर दिया। सड़क के लिए सड़क पर ही जाम लगा दिया। जेरुका गांव के लोग छत डालने वाली सेटरिंग की पटरियां लेकर सड़कों पर आ गए। सड़क पर जाम लगा दिए। घंटों रास्ता बंद रहा। रीवा और बनकुइयां मार्ग पूरी तरह से बंद होने से वाहनो की लंबी लाइन लग गई। इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को हुई। चोरहटा पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों को समझाइश दी। पहले तो पुलिस की समझाइश काम आ गई लेकिन कुछ ही देन में महिलाएं आगे आ गईं। महिलाओं ने फिर सड़क पर जाम लगा दिया। जेरुका गांव के रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके गांव तक सालों से सड़क नहीं बनी है। सड़क नहीं होने से गांव तक पहुंचने में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सालों से सड़क की मांग गांव के लोग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। इसलिए वह सड़कों पर उतर आए। हालांकि पुलिस की समझाइश के बाद लोगों ने जाम खोल दिया। इसके बाद ही यातायात व्यवस्था बहाल हो पाई।
सरपंच सचिव डकार जाते हैं पूरी राशि
ग्राम पंचायतों मे ग्रामीण विकास के लिए लाखों रुपए का बजट आता है लेकिन यह राशि सरपंच और सचिव डकार जाते हैं। कागजों में सड़क और नाली का निर्माण दिखाकर इंजीनियरों से मिली भगत कर सारा बजट चट कर जाते हैं। लोगों को इनकी कारस्तानी का पता ही नहीं चल पाता। जब पता भी चलता है और शिकायतें भी होती है तो अधिकारी इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाते। यही वजह है कि यह समस्या हर साल बारिश में सामने आती है।
सुदूर सड़क ग्राम योजना बंद होने से भी दिक्कत
मप्र सरकार ने लोगों के घरों तक सड़क मार्ग पहुंचाने के लिए सीएम सुदूर सड़क ग्राम योजना शुरू की थी। इस योजना को सरकार ने बंद कर दिया है। इस योजना में लोगों की मर्जी से जमीन लेकर सड़क का निर्माण कराया जाता था। अब यह योजना बंद हो गई है। इस योजना के बंद होने का भी कारण है। लोग सड़क के लिए जमीन हीं देते। जो देता भी है तो बाद में जमीन को लेकर आपत्तियां लगाने लगता है। यही वजह है कि इस योजना को ही बंद कर दिया गया। अब लोग परेशान हैं। सरकार भूअर्जन करती नहीं इसके कारण लोगों के घरों तक सड़क बन नहीं पाती। सबसे बड़ी समस्या गांव में जमीन की ही आती है।