सैफ अली खान को लगा हाईकोर्ट से बड़ा झटका, हाथ से फिसली 1500 करोड़ की सम्पत्ति, दुश्मन की सम्पत्ति घोषित
फिल्म अभिनेता सैफ अली खान को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा हे। कोर्ट ने 1500 करोड़ की सम्पत्ति को दुश्मन की सम्पत्ति घोषित कर दी है। वहीं कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को निरस्त कर दिया है जिसमें सैफ अली खान को नवाब परिवार का उत्तराधिकारी बताया गया था। अब फिर से मामले की सुनवाई होगी।

BHOPAL. यह पूरा मामला भोपाल में नवाब परिवार की बेसकीमती सम्पत्ति से जुड़ा हुआ है। इसकी कीमत करीब 1500 करोड़ के करीब है। दो दशक पहले भोपाल ट्रायल कोर्ट ने एक्टर सैफ अली खान के परिवार को ही उत्तराधिकारी माना था। इसी इसे फैसले को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही मामले में फिर से सुनवाई का आदेश जारी कर दिया है। ट्रायल कोर्ट को एक साल के अंदर मामले को समाप्त करने और फैसला करने के निर्देश दिए हैं।
यह है पूरा मामला
यह पूरा मामला bhopal की बेसकीमती सम्पत्ति का है। हमीदुल्लाह भोपाल रियासत के अंतिम शासक थे। उनकी और उनकी पत्नी मैमूना सुल्तान की तीन बेटियां थी। आबिदा, साजिदा और राबिया नाम था। साजिदा ने शादी कर ली। साजिदा ने इफ्तिखार अली खान पटौती से शादी की। भोपाल की नवाब बेगम बन गई। उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी हुए। वह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान भी रहे। उन्होंने शर्मिला टैगोर से शादी की। नवाब हमीदुल्लाह की सबसे बड़ी बेटी आबिदा पाकिस्तान चली गई। इसके बाद साजिदा ही इन सम्पत्तियों की मालिक बन गई थी। बाद में उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी इन सम्पत्तियों के मालिक बने। इस सम्पत्ति की अनुमानित कीमत 15000 करोड़ रुपए है।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
15 हजार करोड़ की सम्पत्ति के मालिकाना हक के लिए दो अपीलें दायर की गई। एक बेगम सुरैया राशिद और दूसरी नवाब मेहर ता साजिदा सुल्तान और अन्य ने दायर की। सभी दिवंगत नवाब मोहम्मद हमीदुल्लाह खान के उत्तराधिकारी हैं। इनकी याचिका को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। भोपाल जिला न्यायालय ने 14 फरवरी 2000 को दायर याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट के सामने कहा गया कि नवाब की निजी सम्पत्ति का बटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार उनके याचिकाकर्ता, सैफ अली खानप, शर्मिला और 16 अन्य के बीच होना चाहिए था। इसमें ऐसा नहीं किया गया। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई क दौरान न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को निरस्त करते हुए नए सिरे से मामले की सुनवाई के निर्देश दिए हैं।