डॉक्टरों की सेवा की उम्र बढऩे वाली है, अब इतने वर्ष तक और दे सकेंगे सेवाएं

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने डिप्टी सीएम बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। रिटायमेंट के बाद भी डॉक्टरों की सेवाएं 70 साल तक लेने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। हालांकि रिटायरमेंट के बाद डॉक्टरों की सेवाएं संविदा आधार पर ली जाएंगी। इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश डिप्टी सीएम ने दिए हैं। यदि ऐसा हुआ तो सरकारी अस्पतालों में चली आ रही डॉक्टरों की कमी की समस्या काफी हद तक सुलझ जाएगी।

डॉक्टरों की सेवा की उम्र बढऩे वाली है, अब इतने वर्ष तक और दे सकेंगे सेवाएं
File photo

डिप्टी सीएम ने 70 साल तक सेवाएं देने का प्रस्ताव बनाने के दिए निर्देश
रिटायरमेंट के बाद संविदा आधार पर दे सकेंगे डॉक्टर सेवाएं
रीवा। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश सरकार, स्वास्थ्य सेवाओं को जनसामान्य के लिए सुलभ, उच्च गुणवत्ता युक्त और व्यापक बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वरिष्ठ चिकित्सकों के अनुभव, आधुनिक मेडिकल कॉलेजों का सुदृढ़ आधार और समय पर नियुक्ति की प्रक्रिया से प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने भोपाल स्थित निवास कार्यालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े विभिन्न विषयों की गहन समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने प्रदेश में वरिष्ठ चिकित्सकों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने के उद्देश्य से, उन्हें 70 वर्ष की आयु तक संविदा सेवा देने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। प्रस्ताव कैबिनेट अनुमोदन के लिए शीघ्र प्रस्तुत किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि अनुभवी डॉक्टरों की सेवाएं प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों की गुणवत्ता में वृद्धि करेंगी साथ ही यह निर्णय चिकित्सकों की कमी की पूर्ति करने में भी सहायक होगा।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने रीवा और इंदौर के मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन का विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके लिए कॉलेजों का अधोसंरचना विकास, अत्याधुनिक उपकरणों की व्यवस्था अन्य आवश्यक कार्य भी समय से पूर्ण किए जाएँ। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया समयसीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि एमपीपीएससी के साथ नियमित संपर्क में रहते हुए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को तत्काल प्राथमिकता से पूरा किया जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ किया जा सके। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित ऑनलाइन ट्रांसफर पोर्टल (ई-एचआरएमएस) की तैयारी पूर्ण कर ली जाए। पोर्टल को उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाते हुए स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से संपन्न करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि कार्मिकों के स्थानांतरण में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय से विभागीय कार्य में गति आएगी और सेवाओं में सुधार होगा। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना उपस्थित रहे।