भगवान जगन्नाथ शहर भ्रमण पर निकले, दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़

शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी बीमारी से ठीक होने के बाद जनता को दर्शन देने और उनका हालचाल पूंछने शहर भ्रमण पर निकले। शाम को लक्ष्मण बाग से भगवान जगन्नाथ का रवाना निकला। फोर्ट पहुंचने के बाद यहां से शहर में प्रवेश में किया। जगह जगह पूजा अर्चना की गई। फूल बरसाए गए। रात में मानसभवन में भगवान विश्राम करने के बाद शनिवार को वापस लौटेंगे।

रीवा। 15 दिनों तक लू लगने से बीमार चल रहे भगवान जगन्नाथ बुधवार को ठंडई देने के बाद स्वस्थ्य हुए। गुरुवार को भगवान जगन्नाथ को औषधीय स्नान कराया गया। अब ठीक होने के बाद भगवान जनता को दर्शन लेने के लिए शहर भ्रमण पर निकल पड़े हैं। इसके पहले लक्ष्मण बाग मंदिर में भगवान जगन्नाथ को नए वस्त धारण कराए गए। आभूषणों से सजाया गया। इसके बाद भ्रमण के लिए तैयार किए गए रथ पर विराजमान किया गया। गाजेबाजे के साथ लक्ष्मण बाग मंदिर से भगवान जगन्नाथ स्वामी किला के लिए रवाना हुए। भगवान के दर्शन करने के लिए लोग सड़कों पर पलकें बिछाए बैठे थे। जगह जगह भगवान के स्वागत के लिए लोगों टेंट लगाए गए थे। मंच सजाया गया था। भगवान का रथ जहां जहां से रवाना हो रहा था। उन पर फूलों की बारिश की जा रही थी। रथ पर सुभद्रा और बलभद्रजी भी सवार थे। भगवान जगन्नाथ स्वामी का रथ लोगों को दर्शन देते हुए किला पहुंचा। किला में पूजा अर्चना की गई। इसके बाद किला से रथ आगे बढ़ा। भगवान जगन्नाथ स्वामी का रथ फोर्ट रोड से होते हुए घोड़ा चौराहा पहुंचा। घोड़ा चौराहा पर पहले से ही स्वागत और पूजा अर्चना की तैयारी थी। यहां पर कई संगठनों ने तैयारी कर रखी थी। भगवान की रथ यात्रा जैसे ही पहुंची, वहां पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया। रथ पर फूल बरसाए गए। यहां से रथ मानस भवन के लिए आगे बढ़ गया। रात में भगवान जगन्नाथ भानस भवन में विश्राम करेंगे। इसके बाद शनिवार को वापस लक्ष्मण बाग लौटेंगे। रथ यात्रा जहां जहां से भी गुजरा, वहां वहां रास्ते में भंडारे का भी आयोजन किया गया था। भक्तों केा भात और कड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। लोगों का उत्साह रथयात्रा के दौरान देखते ही बना। इस दौरान जोरदार बारिश भी हुई लेकिन भक्तों की भीड़ कम नहंी हुई।