डॉ अशरफ मामला: डीन की जांच कमेटी में दाग, छात्राओं ने पीठासीन पर लगाए डराने के आरोप, डॉ अशरफ को बता रहीं अच्छा, नर्सों ने कलेक्टर और कश्मिनर से लगाई गुहार
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग छात्राओं को न्याय मिलना मुश्किल है। डॉ अशरफ को बचाने के लिए जांच टीम लगी हुई है। जांच टीम पर ही छात्राओं ने सवार उठाकर दाग लगा दिए हैं। जांच कमेटी की पीठासीन अधिकारी छात्राओं को धमकी देने लगी है। उनके बर्ताव और बातों से यह स्पष्ट हो गया है कि छात्राओं के पक्ष में फैसला नहीं आएगा। डॉ अशरफ को ही टीम की पीठासीन अधिकारी अच्छा बताने में जुटी है। छात्राओं को ही झूठा साबित कर रही हैं। यही वजह है कि छात्राओं ने अलग से कलेक्टर, कमिश्नर से जांच टीम बनाकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।

नर्सिंग छात्राओं ने खुद को सुरक्षित रखने कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर से लगाई गुहार
शिकायत में समिति पर फटकारने और बात पूरी नहीं सुनने का लगाया आरोप
रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग छात्राओ ने डॉ अशरफ के खिलाफ हिम्मत जुटाकर शिकायत की। उनके व्यवहार और आचरण पर आपत्ति जताई। इतने गंभीर मुद्दे को अब पूरा सिस्टम ही दबाने में लगा हुआ है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन ने आंतरिक परिवाद समिति को जां की जिम्मेदारी दी है। इस टीम में पीठासीन अधिकारी डॉ शशि जैन, सदस्य डॉ नीरा मराठे, पीएसएम, श्रीमती रीना पटेल स्टाफ नर्स और अशासकीय सदस्य के रूप में कमलेश सचदेवा खुशी फाउंडेशन शामिल हैं। यह टीम इमानदारी से काम नहीं कर रही है। निष्पक्ष जांच की उम्मीद छात्राओं को जांच टीम से थी लेकिन अब नर्सिंग छात्राओं खुद को अलग थलग पा रही है। डॉक्टरों ने जांच कमेटी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जांच टीम सही ढ़ंग से उनकी बातें नहीं सुन रही है। छात्राओं को धमकाया जा रहा है। डॉ अशरफ के फेवर में सारी बातें ले जाने की कोशिश की जा रही है। डॉ अशरफ को सही और बेहतर इंसान बताया जा रहा है। अब ऐसे में जिस तरह से जांच कमेटी के सदस्यों का व्यवहार सामने आया है। उससे तो छात्राओं को न्याय मिलना मुश्किल की जान पड़ रहा है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी लाज बचाने के लिए कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी से गुहार लगाई है। छ ात्राओं ने अलग से प्रशासनिक टीम बनाकर जांच कराने और उनके बयान दर्ज कराने की बात कही है।
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छात्राओं ने इसकी शिकायत डीन, कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी से की है। शिकायत में छात्राओं ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि आंतरिक परिवाद समिति की पीठासीन अधिकारी डॉ शशि जैन ने उन सभी छात्राओं को बुलाकर डॉ अशरफ द्वारा किए गए अनुचित व्यवहार के संबंध में पूछताछ की। छात्राओंं ने सारी बातें डॉ शशि जैन को बताई। इसके बाद पीठासीन अधिकारी के सुर बदल गए। उन्होंने छात्राओं की जगह डॉ अशरफ की ही तारीफ करना शुरू कर दीं। उन्होंने कहा डॉ अशरफ बहुत ही अच्छे डॉक्टर हैं। वह ऐसा नहीं कर सकते। आप सभी को गलत फहमी होगी। उन्होने कहा कि आपके साथ कोई भी नहीं है। कोई प्रूफ भी नहीं है जो गलत साबित कर सके। ऐसा कहने के बाद वह फटकार लगाने लगीं।
नई टीम बनाकर जांच कराने की मांग
छात्राओं ने कमिश्नर, कलेक्टर से गुहार लगाई हैं कि उन्होंने आंतरिक परिवाद समिति की जांच से न्याय नहीं मिल पाएगा। ऐसे में नई टीम बनाकर निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है। छात्राओं ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। छात्राओं का कहना है कि डॉक्टरों की टीम डॉ अशरफ के पक्ष में ही रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। ऐसे में उनके साथ हुए दुव्र्यवहार का सच लोगों के सामने तक नहीं आ पाएगा। छात्राआं की बातों को सुना ही नहीं गया।