पहली बार ज्योति स्कूल प्रबंधन पर हुई इतनी सख्त कार्रवाई, पहले एफआईआर और अब यह मिली सजा

रीवा की प्रतिष्ठित ज्योति किंडरगार्टन के खिलाफ पहली मर्तबा सख्त कार्रवाई हुई है। हालांकि यह कार्रवाई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद कलेक्टर ने की है। पहले स्कूल के प्राचार्य पर एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद अब कलेक्टर ने 50 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है। यह राशि पीडि़त छात्र के पिता के खाते में जमा किया जाएगा।

पहली बार ज्योति स्कूल प्रबंधन पर हुई इतनी सख्त कार्रवाई, पहले एफआईआर और अब यह मिली सजा
file photo jyoti school

मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर कलेक्टर ने स्कूल प्रबंधन को 50 हजार राहत राशि जमा कराने के दिए निर्देश

रीवा। आपको बता दें कि रीवा में सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में ज्योति स्कूल एक है। इस विद्यालय में कुछ महीने पहले पढऩे वाले छात्र के साथ अमानवीयता की गई थी। छात्र ने क्लास रूम में ही दीर्घशंका कर दी थी। इस पर स्कूल के शिक्षक और स्टाफ ने छात्र के साथ दुव्र्यवहार किया था। भीषण ठंड में उसके सारे कपड़े उतरवा दिए गए थे। छात्र से ही गंदे कपड़े धुलवाए गए थे। इतना ही नहीं गीले कपड़े और टॉवेल में ही छात्र को घर भेज दिया था। इस दुव्र्यवहार के शिकायत पीडि़त के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से की थी। स्कूल प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया था। इसके बाद कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से भी इसकी शिकायत की थी। इस पर सिर्फ जांच कमेटी बनाकर खानापूर्ति की गई थी। इसके बाद भाजपा नेता गौरव तिवारी ने भी बाल संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर और एसपी को पत्र जारी कर इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि इस मामले में किसी तरह की जानकारी नहीं देने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्ती बरती है। कलेक्टर और एसपी रीवा को समन जारी कर 28 फरवरी को दिल्ली कमीशन कार्यालय तलब किया था। मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। अब मानवाधिकार आयोग ने अभिभवकों को राहत राशि दिलाने के आदेश दिए। इस पर 50 हजार रुपए की राशि स्कूल प्रबंधन को पीडि़त के खाते में जमा कराना पड़ा। 

मानवाधिकार ने एपी और कलेक्टर को किया था तलब

ज्योति किंडर गार्टेन में छात्र के साथ दुव्र्यवहार मामले में मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर और एसपी को तलब किया था। छात्र के मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ तलब किया था। आयोग के सामने कलेक्टर और एसपी के प्रतिनिधि पहुंचे थे। एसपी की तरफ से एडिशनल एसपी अनिल सोनकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने पेश हुए। वहीं साथ में जिला शिक्षा अधिकारी भी थे। आयोग के सामने बताया गया था कि ज्योति स्कूल के प्राचार्य सहित महिला शिक्षक और आया के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। कार्यवाही का विवतरण भी प्रस्तुत करना पड़ा था। पुलिस ने आयोग को लिखित में यह जानकारी दी थी कि प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। 

ज्योति स्कूल के प्राचार्य सहित तीन पर दर्ज हुआ था मामला

ज्योति स्कूल में छात्र से दुव्र्यवहार मामले में पुलिस ने कड़ा एक्शन लिया गया था।  स्कूल प्राचार्य सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, बालसंरक्षण आयोग से शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई थी।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और बाल संरक्षण आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया था। कलेक्टर और एसपी को पत्र जारी कर एक्शन लेने के साथ ही रिपोर्ट भी मांगी थी। दो बर्तबा रिमाइंडर के बाद भी जब कलेक्टर और एसपी ने रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को नहीं भेजी तो आयोग ने दोनेां ही अधिकारी को रिपोर्ट के साथ तलब किया था। मानवाधिकार आयोग की सख्ती के बाद पुलिस प्रशासन एक्शन में आया औरे स्कूल प्राचार्य सहित महिला शिक्षक और आया के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया था। 

50 हजार पीडि़त छात्र के अभिभावको को देना पड़ा

सिर्फ एफआईआर तक ही मामला नहीं रुका। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सख्ती के बाद 50 हजार रुपए की राहत राशि भी पीडि़त पिता के खाते में जमा करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने प्राचार्य ज्योति स्कूल को यह राशि पिता के खाते में जमा कराने के लिए आदेशित किया। यह कार्रवाई पूरी करने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई का प्रतिवेदन भी सहायक रजिस्ट्रार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली को भी अवगत कराया है।