उड़ीसा से ट्रक में छुपा कर ले आए 31 लाख का गांजा और फिर रीवा में पकड़े गए, ट्रक में बना रखा था एक अलग तहखाना
रीवा की पुलिस ने गांजा तस्करी के बड़े खेल को फेल कर दिया। उड़ासी से 31 लाख का गांजा ट्रक में छुपाकर तस्कर चले थे। रीवा पहुचं गए लेकिन ठिकानें तक पहुंचा नहीं पाए। उसके पहले ही पुलिस ने धरदबोचा। दो आरोपी पकड़े गए हैं। पूछताछ चल रही है। अभी और भी कईयों के नाम उजागर होंगे।

एक यूपी और एक अमरपाटन का युवक ट्रक के साथ पकड़ा गया
रीवा में ही खपाना था पूरा माल, ट्रक में चोर केबिन में छुपा रखा था गांजा
रीवा। इस मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि उड़ीसा से ट्रक में गांजा लेकर दो तस्कर चले थे। उन्हें रीवा में ही सारा माल खपाना था। रीवा पहुंचने के बाद ट्रक अजगरहा में खड़ा किया गया था। एक ट्रक का माल दूसरे में पलटी होना था। इसके पहले ही मुखबिर से पुलिस को सूचना मिल गई। तुरंत आईजी और एसपी के निर्देश पर एक टीम तैयार की गई। इस टीम में चार थानों के प्रभारी और पुलिस बल शामिल किए गए। इसके अलावा आईजी की भी टीम इस अभियान में शामिल हुई। टीम ने मुखबिर के बताए अनुसार जगह पर दबिश दी। ट्रक लोकेशन पर अजगरहा में मिल गया। तलाशी लेने पर एक चोर केबिन मिली। यह केबिन पूरी तरह से बोरियों से भरा हुआ था। बोरियां खोली गईं थी उसमें मादक पदार्थ गांजा भरा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया और गांजा भी जब्त कर लिया गया। पकड़े गए आरोपियो से पुलिस पूछताछ कर रही है। रीवा में गांजा कहां कहां सप्लाई करना था। उनकी लोकेशन और खरीदने वालों के नाम तलाशे जा रहे हैं।
दूसरे ट्रक में पलटी करने के फिराक में थे
उड़ीसा से गांजा निकलने के बाद तस्कर कई जगहों पर माल को दूसरे वाहनो में शिफ्ट करते हैं। इसी तरह का खेल वह रीवा में भी करने वाले थे। पास ही एक ट्रक और खड़ा था। एक ट्रक का माल दूसरे में पलटी करना था। हालांकि इसके पहले ही पुलिस ने पहुंच कर खेल बिगाड़ दिया। मौके से पुलिस को करीब 448 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ है। इसकी कीमत करीब 31 लाख 36 हजार रुपए आंका गया है। पकड़े गए आरोपियों में एक का नाम वीरेन्द्र पटेल अमरपाटन तो दूसरे का नाम रोहित सिंह उत्तर प्रदेश है। दोनों से पूछताछ अभी जारी है।
कार्रवाई में यह रहे शामिल
इस पूरी कार्रवाई में विवि थाना प्रभारी हितेन्द्रनाथ शर्मा, समान थाना से विजय सिंह, सिटी कोतवाली से अरविंद राठौर, गुढ़ थाना प्रभारी शैल यादव और उनकी टीम शामिल रही। इसके आवा आईजी कार्यालय से उप निरीक्षक सोनल झा, प्रधान आरक्षक अनिल दुबे, आरक्षक मयंक तिवारी, आरक्षक शुभम बरोरे, आरक्षक संजय नापित और धीरज कोरी शामिल थे।