फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मामला: 2021 का पुराना आवेदन हुआ था लीक, इसी से हुई थी नियुक्ति

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से की गई फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मामले में नया खुलासा हुआ है। यह सिर्फ एक तरफ फर्जी बड़ा नहीं है विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की भी संलिप्तता सामने आ रही है। विभाग से ही पुराने आवेदन और दस्तावेज सबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराए गए थे। ऑनलाइन आवेदन भी नहीं था। सीधे डीईओ आफिस से मैनुअल रिसीविंग ली गई थी। इसके पहले भी इस फर्जी नियुक्त की कोशिश कराई गई थी। पहले के अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए थे। इस बार के अधिकारी लालच में फंस गए।

फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मामला: 2021 का पुराना आवेदन हुआ था लीक, इसी से हुई थी नियुक्ति
File photo

लंबे समय से चल रहा फर्जी अनुकंपा का खेल, सब की मिलीभगत से चल 

सूत्रों की मानें तो आफिस से ही पहुंचा था पुराना आवेदन, संकुल प्राचार्य ने पकड़ा था 

रीवा। ज्ञात हो कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक अनुकंपा नियुक्ति की गई। बेलाकली कोल शासकीय प्राथमिक शाला ढेरा में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ बताया गया। सेवाकाल के दौरान 16 मई 2023 को उसका निधन दर्ज किया गया। बेलाकली की मौत के बाद आश्रित सदस्य उसके पुत्र बृजेश कुमार कोल पिता शिवचरण कोल ग्राम पोस्ट परसिया तहसील त्योथर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जोड़ौरी विकासखंड गंगेव जिला रीवा में प्यून के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई।बृजेश कुमार कोल ने अपनी माता बेलाकली कोल की मृत्यु के उपरांत डी ई ओ कार्यालय के अधिकारियों से सांठगांठ कर यह पूरा खेल किया। इस मामले के पकड़े जाने के बाद अधिकारियों ने खुद को बचाने बृजेश कोल को मोहरा बना डाला लेकिन अब सारी परतें खुलने लगी हैं। इस खेल में लंबा लेन देन हुआ था। सूत्रों की मानें तो करीब 7 लाख में सौदा हुआ था। पुराना आवेदन भी आफिस से दिलवाया गया था। फिर सारी फाइल बनाकर नियुक्ति आदेश जारी किया गया। अब इस फर्जीवाड़े को दबाया जा रहा। 

2021 के पुराने आवेदन फार्म से पाई नौकरी 

सूत्रों की माने तो मिसिरगवां प्राथमिक पाठशाला मऊगंज में संविदा वर्ग 2 में भैया लाल कोल पदस्थ थे। उनका 2021 में निधन हो गया था। तब उनकी बेटी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र न होने के कारण उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया था। इसी आवेदन को 4 साल बाद बृजेश कोल ने उपयोग किया। आवेदन का प्रारूप सब कुछ वही था लेकिन इसमें स्कूल शिक्षक और उनकी यूनिक आईडी नाम आदि सब बदल दिया गया था। 

यह है अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन की प्रक्रिया 

स्कूल शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपना नहीं पड़ती है संकुल प्राचार्य प्रक्रिया करते हैं। शिक्षक की यूनिक आईडी पोर्टल पर ऑनलाइन फीड करने पर उनका पूरा लिखा जोखा सामने आ जाता है। इसके बाद मृत्यु दिनांक दर्ज करने पर अनुकंपा का फार्म जनरेट होता है। इसे भर कर आनलाइन जमा करना पड़ता है। फार्म जमा करने के बाद डीईओ कार्यालय संकुल प्राचार्य के माध्यम से मैनुअल भी फार्म भेजा जाता है।

आवेदन की डेट नहीं बदल पाये

बृजेश स्कूल की नियुक्ति में जिन दस्तावेजों का उपयोग किया गया था उनमें से दो चीज नहीं बदली ग‌ईं। इसी में फर्जीवनी की पोल खुल गई। पुराना आवेदन का क्रमांक और दूसरा आवेदन का दिनांक नहीं बदल पाए। ऑनलाइन आवेदन के फॉर्म में दिनांक बहुत ही बारीक अक्षरों में नीचे दर्ज होता है। इस पर किसी की नजर नहीं पड़ी। इसी में फंस गए इसके अलावा आवेदक का आय प्रमाण पत्रभी गड़बड़ था। नियुक्ति के बाद का आय प्रमाण पत्र लगाया गया था।

सभी पर दर्ज होना था प्रकरण 

रीवा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनुदान घोटाला हुआ था। इस घोटाले ने पूरे प्रदेश मैं सुर्खियां बटोरी थी। इसमें करीब 23से 24 लोगों पर मामला दर्ज हुआ था। क‌ई अधिकारी फंसे थे। ऐसे कई मामले हुए जिसमें मामला अधिकारियों पर भी दर्ज हुआ लेकिन इस अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा में खेल करने वालों को हीरो बनाया जा रहा। इस मामले में सिर्फ आवेदक पर ही मामला दर्ज किया गया है। शेष सभी को बचा लिया गया है। फर्जीवाड़ा में सहयोगी अधिकारियों को फर्जीवाड़ा पकड़ने वाला बताया जा रहा है।

 और भी नियुक्तियां की गई होंगी, जांच की मांग

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 2021 के आवेदन का दुरुपयोग किया गया। यह एक मामला पकड़ा गया तो मामला उजागर हुआ। 2021 से अभी तक न जाने कितने फर्जी लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई होगी इसका अंदाजा लगाया जाना मुश्किल है। शिक्षाविदों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच

की मांग की है।