डीन ने भड़काई आंदोलन की आग, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर गार्ड बुलाकर कराया हमला इसलिए बिगड़े हालात
मेडिकल कॉलेज मे एबीवीपी प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने गए थे लेकिन डीन की लापरवाही से हंगामा और भड़क गया। डीन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को हलके में लिए। इनसे निपटने के लिए सुरक्षा गार्ड बुला लिए। गार्ड ने धक्का मुक्की की। इसी बात पर मामला बिगड़ गया। डीन चेम्बर से भी बाहर नहीं निकले। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया।

सुरक्षा गार्ड से जमकर हुई कार्यकर्ताओं की झूमाझटकी
पहले डीन ने किया ज्ञापन लेने से इकार बाद में एबीवीपी ने नहीं दिया
6 घंटे चला हंगामा, ज्ञापन लेने पहुंचे डिप्टी कमिश्नर तब खत्म हुआ
रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में डॉ अशरफ पर कार्रवाई को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता डीन चेम्बर के सामने से टस से मस नहीं हुए। शाम तक हंगामा जारी है। पूरा मेडिकल कॉलेज पुलिस छावनी में तब्दील रहा। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे लेकिन वह कार्रवाई पर अड़े रहे। जूडा भी प्रदर्शन स्थल पर कुछ देर के लिए पहुंचा। जूडा ने भी एबीवीपी का समर्थन किया। मेडिकल कॉलेज में पांच घंटे से अधिक समय हो गया लेकिन हंगाम जारी हे। डीन भीड़ का सामना करने से डरते रहे। वह चेम्बर से बाहर नहीं निकले। डीन की लापरवाही के कारण ही हंगामा बढ़ता चला गया। पहले ही यदि डीन ज्ञापन ले लेते तो एबीवीपी नहीं अड़ता। बाद में कमिश्नर को ज्ञापन देने को लेकर एबीवीपी अड़ गए। डिप्टी कमिश्नर को मेडिकल कॉलेज बुलाया गया है। रात 8.30 बजे डिप्टी कमिश्नर श्रेयस गोखले पहुंचे। ज्ञापन लिए तब हंगामा खत्म हुआ।
ईएनटी विभाग में पदस्थ डॉक्टर अशरफ के खिलाफ नर्सिंग छात्रों ने दुव्र्यवहार और मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगाया। इसकी शिकायत भी की। इसकी जानकारी लगने ही एबीवीपी एक्टिव हो गया। मंगलवार को डॉ अशरफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंच गया। कार्यकर्ताओं ने पहले डीन चेम्बर के सामने हंगामा किया। डीन को ज्ञान देना चाहते थे लेकिन डीन पहले सामने नहीं आए। इससे कार्यकर्ता नाराज हो गए। डीन को ज्ञापन देने से ही बाद में इंकार कर दिए। डीन के खिलाफ ही कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया। उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पहले तो डॉ अशरफ को तुरंत निलंबित करने की मांग करते रहे। बाद में प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें जांच बैठाए जाने की जानकारी दी। रिपोर्ट आने तक इंतजार करने की बात कही। इस बात वह मान गए। हालांकि डीन को ज्ञापन देने को तैयार नहीं हुए। कमिश्नर को ज्ञापन देने पर अड़े रहे। देर शाम करीब पौने आठ बजे तक हंगामा जारी रहा। कमिश्नर शहर में नहीं है। उनकी जगह पर डिप्टी कमिश्नर को मेडिकल कॉलेज बुलाया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हंगामा सिर्फ डीन की लापरवाही से ही बढ़ गया वर्ना चंद मिनटों ही सारा मामला शांत हो जाता। डीन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का सामना नहीं किए। चेम्बर से बाहर ही नहीं निकले। इसी वजह से मामला बिगड़ गया। कार्यकताओं ने डीन को हटाने को लेकर भी मोर्चा खोल दिया। तहसीलदार, नायब तहसीलदार भी मेडिकल कॉलेज में डटे हुए थे। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को समझाइश दी गई लेकिन वह जिद पर अड़े रहे । डिप्टी कमिश्नर के आने के बाद ही उनका आंदोलन प्रदर्शन शांत हुआ।
इसलिए बिगड़ी बात और बढ़ गया हंगामा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दोपहर 2 से 2.3 बजे मेडिकल कॉलेज डॉ अशरफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहंचे थे लेकिन डीन चेम्बर से बाहर नहीं निकले। उलटा सुरक्षा के लिहाज से गार्ड बुला लिए। इसी बात पर मामला बिगड़ गया। कार्यकर्ता जब चेम्बर में डीन से मिलने की कोशिश करने लगे तो गार्ड उनसे उलझ गए। दोनों पक्ष के बीच जमकर हाथापाई हुई। यहीं से मामला बिगड़ गया। कार्यकर्ताओं ने डीन पर हमला कराने का आरोप लगाया है। गार्ड से मारपीट कराए जाने का अरोप लगाया गया है। इसी बात से हंगामा और बढ़ गया। कार्यकर्ताओं ने डीन को ही हटाने की मांग करने लगे। शाम 8.30 बजे तक हंगामा जारी रहा।
जूडा को भी मामले को मोल्ट करने के लिए बुलाया गया
सूत्रों की मानें तो जूडा को भी डीन ने ही मामले को मोल्ड करने के लिए बुलाया लेकिन हालात देखने के बाद जूडा भी समर्थन देकर चलते बने। स्थिति जस की तस बनी रही। डीन को किसी तरह से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी बुलाया गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। छात्र संगठन भाजपा पार्टी का ही अंग है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता होने के कारण पुलिस भी सख्ती नहीं बरत सकती थी। प्रशासन और पुलिस के हाथ बंधे थे। उनके सामने तमाशा देखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। यही वजह है कि सब ने इस मामले में खुद को किनारे ही कर लिया था।