एशिया की सबसे उम्रदराज हाथी मप्र के इस टाइगर रिजर्व की थी शान, मंगलवार को ली अंतिम सांस, सीएम ने जताया दुख
एरिया की सबसे बुजुर्ग और उम्र दराज हाथियों में जब नाम आता था तो सबसे ऊपर पन्ना की वत्सला का नाम था। वह 100 वर्ष से अधिक की हो चुकी थी। वत्सला पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र थी। पन्ना टाइगर रिजर्व को वत्सला ने एशिया में पहचान दी थी लेकिन अब वह पहचान और नाम हमारे बीच नहीं रहा। वत्सला ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। दोहपर मे हथनी वत्सला की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद अधिकारियों की मौजूदगी में वत्सला का अंतिम संस्कार किया गया। वत्सला के दुखद निधन पर सीएम डॉ मोहन यादव ने भी दुख जताया है।

पन्ना टाइगर रिजर्व की शान थी वत्सला, 100 साल से अधिक उम्र की थी
एरिया में सबसे उम्र दराज हथनी होने की मिली थी पहचान, केरल से लाई गई थी पन्ना
पन्ना । पन्ना टाईगर रिजर्व के परिक्षेत्र हिनौता के अंतर्गत सबसे बुजुर्ग हथनी लगभग 100 वर्ष से अधिक आयु की वत्सला की 8 जुलाई मंगलवार को मृत्यु हो गई। वत्सला को एशिया की सबसे बुजुर्ग हथनी माना जाता है। पन्ना टाईगर रिजर्व के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा वत्सला का अंतिम संस्कार किया गया। वत्सला हथनी पर्यटकों के लिये आकर्षण का केन्द्र रही है। सबसे बुजुर्ग होने से वह पूरे हाथियों के दल का नेतृत्व करती रही है। अन्य मादा हाथी के प्रसव एवं बच्चा होने के उपरांत वह एक नानी अथवा दादी के रूप में अपनी भूमिका निभाती थी। क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व ने बताया कि मादा वत्सला परिक्षेत्र हिनौता के खैरईयां नाले के पास आगे के पैर के नाखून टूट जाने के कारण बैठ गई थी। वनकर्मियों द्वारा उसको उठाने का काफी प्रयास किया गया। दोपहर को हथनी वत्सला की मृत्यु हो गई।
उम्र बढऩे के कारण आंखों से दिखना हो गया था बंद
हथनी वत्सला केरल से नर्मदापुरम लाई गई थी और बाद में उसे पन्ना टाईगर रिजर्व लाया गया था। वृद्ध होने के कारण वत्सला को आँखो से दिखना बंद हो गया था तथा वह अधिक दूरी तक नहीं चल पाती थी इसलिये गश्ती कार्य में इसका उपयोग नहीं लिया जाता था। इसे हिनौता हाथी केम्प में रखा गया था। प्रतिदिन खैरईयां नाले तक नहाने के लिये ले जाया जाता था और भोजन में दलिया दिया जा रहा था। पन्ना टाईगर रिजर्व प्रबंधन के वन्य प्राणी चिकित्सक एवं विशेषज्ञों के द्वारा समय.समय पर हथनी वत्सला के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा रहा था। इसलिए वत्सला पन्ना टाईगर रिजर्व के विरल एवं शुष्क वन क्षेत्र में दीर्घ आयु की अवस्था तक जीवित रही। टाईगर रिजर्व में बाघ पुनस्र्थपना योजना में वत्सला का अहम योगदान रहा।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने हथिनी वत्सला के निधन पर व्यक्त कीं संवेदनाएं
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पन्ना टाइगर रिज़र्व को सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला के निधन पर गहन शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि वत्सला मध्यप्रदेश के जंगलों की मूक संरक्षक, पीढिय़ों की सखी और हमारी संवेदनाओं की प्रतीक थी। जिसने हाथी दल का नेतृत्व किया और नानी-दादी बनकर हाथियों के बच्चों की स्नेह से देखभाल भी की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने वत्सला को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि टाइगर रिज़र्व में हाथी दल की प्रिय सदस्य के 100 वर्षों के साथ पर विराम लगा हैए भले ही अब वो हमारे बीच नहीं है। लेकिन वत्सला की स्मृतियां हमारे मन में सदैव जीवंत रहेंगी। इसलिए वत्सला पन्ना टाईगर रिजर्व के विरल एवं शुष्क वन क्षेत्र में दीर्घ आयु की अवस्था तक जीवित रही। टाईगर रिजर्व में बाघ पुनस्र्थापना योजना में वत्सला का अहम योगदान रहा।