बुजुर्ग को साइबर ठगों ने किया था प्रताडि़त, इसलिए खुद को मार ली थी गोली, राजस्थान ने 3 आरोपियों को दबोच लगाई पुलिस
सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में कुछ दिन पहले एक बुजुर्ग ने लाइसेसी बंदुक से खुद को गोली मार ली थी। मौत के बाद जब पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो मौत के पीछे की वजह कुछ और निकली। बुजुर्ग की मौत के वजह साइबर अपराधी निकले। पुलिस ने जांच के पड़ताल के बाद राजस्थान के अलवर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद तीनों को रिमांड पर लिया गया है।

रीवा। इसी मामले को बुधवार को कंट्रोल रूम में एसपी विवेक सिंह ने खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वार्ड क्रमांक 38 चौपड़ा स्कूल के पास रहने वाले बुजुर्ग सरोज दुबे ने कुछ दिनों पहले लाइसेसी बंदूक से खुद को गोली मार ली थी। इस घटन ा के बाद सभी बिंदुओं पर पुलिस ने जांच करनी शुरू की। उनकी पत्नी निर्मिला दुबे, दामाद उमेश गुप्ता, बेटी रश्मि गुप्ता से पुलिस ने पूछताछ की थी। उनके बयान भी लिए थे। पूछताछ में परिजनों ने बताया कि सरोज दुबे सोशल मीडिया में एक रील देखने के बाद उसके दिए गए प्रलोभन में आ गए थे। रील में पुराने नोट और सिक्कों के बदले करोड़ों रुपए देने का लालच दिया गया था। सरोज दुबे ने रील में दिए गए नंबर पर संपर्क किया। सामने वाले व्यक्ति किसी न किसी चार्ज के नाम पर सरोज दुबे से रुपए ऐंठते रहे। 37 हजार रुपए लेने के बाद भी उन्हें सिक्कों के बदले बड़ी रकम नहीं दे रहे थे। उल्टा उन पर दबाव बनाकर और राशि मांगने लगे थे। सरोज दुबे इसी दबाव का सामना नहीं कर पाए और खुद को लाइसेसी बंदूक से गोली मार ली। एसपी ने बताया कि मामले की पड़ताल के बाद टीम बनाकर अलवर राजस्थान भेजा गया। जहां से तीन अरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों में जुबेर खान, यासीन मोहम्मद और शब्बीर खान हैं। तीनों एक भाई है। इनके पिता का नाम हसन खान निवासी ग्राम थाना घोड़ा थाना किशनगढ़ बास, जिला खैरथल तिजारा राजस्थान है। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया गया गया है। इस पूरी कार्रवाई में साइबर सेल प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, निरीक्षक श्रृंगेश ङ्क्षसह राजपूत, निरीक्षक विजय सिंह बघेल, कन्हैया सिंह बघेल, रामनिवास बागरी, प्रधान आरक्षक अनिल कुमार विश्वकर्मा, कृष्णपाल सिंह, कृष्णकांत नामदेव, आरक्षक विक्रम वर्मा, वरुण सिंह, सुभाष चंद्र एवं साइबर सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सादे ड्रेस में गांव में आरोपियों को पकडऩे घुसी थी पुलिस
रीवा की पुलिस टीम ने राजस्थान में आरोपियो के गांव में सोद ड्रेस में पहुंची थी। स्थानीय पुलिस की भी मदद ली गई थी। पहले उन्हें सूचना दी गई। इसके बाद रणनीति तैयार कर आरोपियो को पकडऩे के लिए कूच किया गया। हालांकि एक दिन पहले पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों की पड़ताल कर ली थी। इसके बाद ही स्थानीय पुलिस के साथ रीवा की टीम ने आरोपियो के घर में दबिश दी। युवकों को जब पकड़ा गया तो वहां विरोध का भी सामना करना पड़ा था। बड़ी मशक्कत के बाद ही वहां से आरोपियो को पकड़ कर पुलिस निकल पाई। पुलिस ने बताया कि वह पूरा गांव ही साइबर अपराधियों से भरा पड़ा है।