प्राइवेट दुकानों पर अधिकारियों को लगा पहरा, निगरानी में किसानों को बेची जा रही खाद

सरकारी गोदाम खाली हुए तो प्रशासन ने प्राइवेट दुकानों के गोदामों पर धावा बोल दिया। अधिकारियों को प्राइवेट दुकानदारों के गोदाम में तैनात कर दिया। अधिकारियों की मौजूदगी में यूरिया की बिक्री कराई जा रही है। हालांकि यहां भी किसानों की लंबी लाइनें लगी है।

किसानों की यहां भी लंबी लंबी लाइनें लगी है, किसानों को कालाबाजारी से मिली राहत

रीवा। आपको बता दें कि किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। फसल बोने के बाद अब खाद के लिए किसान भटक रहे हैं। एक रैक खाद आई थी। वह एक ही दिन में खत्म हो गई। प्राइवेट दुकानदारों को भी खाद मिली थी लेकिन वह मोटी कमाई के चक्कर में स्टॉक जमा कर रखे थे। किसानों को इस संकट में लूटने का काम कर रहे थे। दोगुनी, तीन गुनी दरों पर खाद बेच रहे थे। कलेक्टर ने इन दुकानदारों की मंशा पर ही पानी फेर दिया। सभी अधिकारियों की प्राइवेट दुकानों में ड्यूटी लगा दी। बुधवार की सुबह से अधिकारी दुकानों में तैनात है। अधिकारियों की मौजूदगी में किसानों को खाद बेचा जा रहा है। दुकानदार भी इस सख्ती के कारण अधिक दाम नहीं वसूल पा रहे हैं। इस कदम से किसानों को काफी हद तक राहत मिली है। हालांकि पर्याप्त खाद इसके बाद भी नहीं मिल पा रही है। प्राइवेट दुकानो के बाहर भी किसानों की लंबी लाइनें  लगी हैं। सिर्फ दो बोरी ही यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। 

900 मैट्रिक टन खान डंप थी

कलेक्टर के इस कदम से कालाबाजारी पर रोक तो लगी कि काफी हद तक किसानों को भी महंगी खाद से राहत मिली है। आपको बता दें कि रीवा के प्राइवेट दुकानदारों के पास 900 मैट्रिक टन खान डंप थी। इसे सभी दुकानदारों ने दबा कर रखा था। खाद की डिमांड बढऩे के कारण महंगी दरों पर किसानों को बेच कर मोटी रकम कमा रहे थे। उनकी इसी मंशा पर कलेक्टर ने पानी फेर दिया है।