सड़क की मांग को लेकर बैसा बस्ती के लोगों ने कलेक्ट्रेट में डाला डेरा, बच्चे, महिलाएं सब पहुंची, मचा हंगामा

सड़क की मांग को लेकर मंगलवार को बैसा गांव के दर्जनों लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर हंगामा कर दिया। बैसा गांव के लोग अपने साथ बच्चों, महिलाओं को लेकर पहुंच गए थे। कलेक्ट्रेट पर ही सड़क की मांग को लेकर धरना दे दिया। हंगामा की जानकारी लगते ही मौके पर तहसीलदार हुजूर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी। इसके बाद ही ग्रामीणों का हंगामा समाप्त हुआ।

सड़क की मांग को लेकर बैसा बस्ती के लोगों ने कलेक्ट्रेट में डाला डेरा, बच्चे, महिलाएं सब पहुंची, मचा हंगामा

ग्रामीणों का आरोप है कि पहले जमीन सरकारी थी अब निजी बताकर खरीद ली गई सड़क की जमीन

200 घरों के लोगों के निकलने के लिए सड़क नहीं बची

रीवा। कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों और सरपंच का कहना है कि ग्राम पंचायत बैसा में नया तालाब मौजूद है। यह तालाब काफी प्राचीन है। इस तालाब को वंशपति पटेल ने खरीद लिया है। तालाब की मेड से ही आने जाने का रास्ता बना था। तालाब खरीदने के बाद अब लोगों के इस रास्ते से निकलने में भी आपत्ति दर्ज कराई जाती है। इस मार्ग से ही हरिजन बस्ती के करीब 50 परिवार मुख्य मार्ग से जुड़ते हैं। अब रास्ता अवरुद्ध किए जाने से सभी का आना जाना अवरुद्ध हो गया है। बस्ती से मुख्य मार्ग तक की दूरी 110 मीटर है। इसी मार्ग को बनाने कीे मांग को लेकर सभी बस्ती के लोग कलेक्ट्रेट पहुंच गए। कलेक्ट्रेट में सड़क निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग सालों से उपयोग करते आ रहे हैं। पहले यह मार्ग शासकीय दर्ज थी। अचानक इसे निजी बता दिया गया है। काफी देर  तक हंगामा मचा रहा। मौके पर बस्ती के बच्चों से लेकर बढ़े और महिलाएं तक मौजूद रहे। ग्रामीणों के साथ बैसा ग्राम पंचायत के सरपंच भी पहुंचे थे। कलेक्ट्रेट के अंदर ही सभी धरने पर बैठे रहे। बाद में मौके पर तहसीलदार हुजूर आए। उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी। इसके बाद ही मामला शांत हुआ और ग्रामीण वापस लौटे। 

बाबा, पुरखा के समय की है सड़क, अब कोई खरीद लिया

यहां सड़क की मांग के लिए आए हैं। सड़क पर कीचड़ होता है। चल नहीं पाते हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। कोई बीमार हो जाता है तो उसे खाट पर उठा कर ले जाते हैं। यह सड़क काफी पुरानी है। बाबा पुरखा के समय की सड़क है। अब कोई जमीन खरीद लिया है। अधिकारी ने आश्वासान दिया है। बोले हैं कि सड़क बनवा देंगे।

समय लाल साकेत

ग्रामीण, बैसा

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सरकारी जमीन कैसे हो गई प्राइवेट

हम सभी ग्राम पंचायत बैसा से हैं। हरिजन बस्ती के सभी लोग हैं। पांच वर्षीय पूर्व तक इस सड़क पर मुरुम आदि डाली गई। इस सड़क को कांक्रीट बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम रुपए नहीं मांग रहे हैं। हम पैसा खुद लगाएंगे। सड़क पर मुरुम, मिट्टी पड़ी है तो वह जमीन शासकीय रही होगी। जब सड़क शासकीय थी तो अचानक प्राइवेट कैसे हो गई। सड़क पर एम्बुलेंस नहीं चल पाती। बीमार गर्भवती महिलाओं को खाट पर ले जाना पड़ता है। सिर्फ 110 मीटर सड़क है। हम सभी सड़क के लिए अपने घर तोडऩे को तैयार हैं। करीब 200 घर प्रभावित हो रहे हैं। हमें सिर्फ र ोड़ चाहिए। 

शुभम पाण्डेय

सरपंच, ग्राम पंचायत बैसा