पानी से घिरा पटेल हास्टल, छात्र छत पर फंसे, बचाने के लिए बुलानी पर एसडीआरएफ तब बची जान
16 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण रीवा जलमग्न हो गया है। निचली कालोनियों और बस्तियों में पानी भर गया। निराला नगर वार्ड क्रमांक 9 पटेल हास्टल और उसके पीछे की कालोनी पूरी तरह से बाढ़ में डूब गई। यहां बने सारे घर और पटेल हास्टल जलमग्न हो गए। बाढ़ के कारण हास्टल में एक दर्जन से ज्यादा छात्र फंस गए। इन्हें बचाने के लिए प्रशासन को एसडीआरएफ की टीम को बुलानी पड़ी। एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा सम्हाला। एक एक कर फंसे छात्रों केा वोट की मदद से बाहर निकाला गया। तब जाकर छात्रों की जान बचाई जा सकी।

एक दर्जन से अधिक छात्र हास्टल में फंस गए थे, एसडीआरएफ ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला
वार्ड क्रमांक 9 निराला नगर की घटना, बाढ़ से कई घर हुए जलमग्न, एक फ्लोर तक चढ़ा पानी
रीवा। वार्ड क्रमांक 9 में सैकड़ों घर इस बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। कालोनी और हास्टल के बाढ़ की चपेट में आने की जानकारी लगते ही पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। सरस्वती स्कूल निराला नगर के आगे से पूरा मोहल्ला जलमग्न हो गया। यह पूरी कालोनी तालाब के किनारे बसी हुई है। कभी यह तालाब था। इसे धीरे धीरे पाट कर कालोनी बसा दी गई। अब इसी की सजा यहां के लोगों को मिल रही है। निचला एरिया होने के कारण यहां पानी भर जाता है। इस बार कालोनी के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। हालांकि सभी प्रभावित लोगों और छ ात्रों को बचा लिया गया है। सभी को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। इस बाढ़ से लोगों की सारी ग्रहस्थी बर्बाद हो गई। करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। अभी प्रशासन की टीम मौके पर ही डटी हुई है। वार्ड पार्षद पुत्र सतीश सिंह सुबह से ही वार्ड में तैनात रहे। उनकी सक्रियता से ही छात्रों की जान बचाई जा सकी। उन्होंने बताया कि पटेल हास्टल के पीछे पानी निकासी के रास्ते पर भवन निर्माण कर दिया गया। इसके कारण ही बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई। वार्ड में इसके अलावा विभीषण नगर भी बाढ़ और जलभराव की समस्या से प्रभावित हुआ है।
सड़क के ऊपर से बह रहा पानी, जेपी मार्ग बंद कराया गया
जेपी रोड अमरइया दुआरी मार्ग बंद कर दिया गया है। इस मार्ग में सड़क पर पानी आ गया है। रपटा ओव्हर फ्लो चल रहा है। लोगों की सुरक्षा के हिसाब से रास्ते पर बैरियर लगा दिया गया है। सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इस मार्ग से भी भारी वाहन भी गुजरते हैं। दुआरी गांव भी इस मार्ग से शहर से जुड़ता है। स्कूली बच्चों का आना जाना भी इसी मार्ग से होता है। यही वजह है कि लोगों की सुरक्षा के लिहाज से इस मार्ग को बंद कर दिया गया है। बैरियर लगा दिया गया है। मौके पर लोगों को आगे जाने से रोकने के लिए लोगों को तैनात कर दिया गया है। नाला पर बना रपटा की ऊंचाई कम है। इसके कारण बारिश में हर साल यह रपटा डूब जाता है। इसी तरह से तेज धार यहां बहती है। बच्चों के बहने के भी इसमें जांच बढ़ जाते हैं। इसलिए इस मार्ग को बंद कर दिया गया है। सूचना बोर्ड भी लगा दिया गया है।