जब फिर डूबा रीवा तब आई बीहर के चौड़ीकरण की याद, डिप्टी सीएम ने फिर दबी प्रोजेक्ट की फाइल खुलवाई और अब उसी पर होगा काम
वर्ष 2016 में रीवा बाढ़ की चपेट में आ गया था। पूरा रीवा डूब गया था। इसकी वजह तब भी बीहर थी। इस बार भी शनिवार को रीवा में बाढ़ आई। इस बार भी वजह बीहर ही थी। अतिक्रमण के कारण नदी के पाट सकरे हो गए हैं। इन्हें चौड़ा नहीं किया गया। वर्ष 2016 में जल संसाधन विभाग ने इस समस्या का हल निकालने प्लान तैयार किया था। बाढ़ की समस्या खत्म होते ही अधिकारी, नेता भूल गए। अब जब फिर से वही स्थिति बनी तो अब डिप्टी सीएम को रीवा को बचाने की याद आई। पुरान प्रोजेक्ट खंगलवाया गया। अब उसी हिसाब से काम किया जाएगा। नदी के चौड़ीकरण के निर्देश दिए गए हैं।

पहले ही कर लेते काम तो यह न बनते हालात, भूमाफिया और कालोलाइजरों को संरक्षण देना पड़ा भारी
लोगों को कारोड़ों का हुआ नुकसान, गरीबों की ग्रहस्थी हो गई इन कालोनाइजरों के कारण बर्बाद
रीवा। 9 साल पहले रीवा बाढ़ में डूब गया था। तब ऐसी तबाही मची थी कि लोग उन दिनों को याद करके भी डर जाते हैं। अब फिर से वहीं डर लोगों के मन में कौंधने लगा है। शनिवार को बारिश ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए। बारिश और नदी का पानी शहर को डुबाने ही वाला था कि बारिश बंद होने से राहत मिल गई। अब इस बाढ़ ने ही पूरे सिस्टम को हिला दिया। रीवा में विकास की गंगा बहाने वाले डिप्टी सीएम के भी कान खड़े हो गए। उन्होंने बुधवार को सर्किट हाउस में एक बैठक बुलाई। बैठक में रीवा को बाढ़ से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। 9 साल पहले जिस प्रोजेक्ट को जल संसाधन विभाग ने तैयार किया था। उसी प्रोजेक्ट की याद अब 9 साल बाद आई है। उसी पर प्रशासन काम भी करेगा। यदि यही काम पहले हो जाता तो लोगों का जो नुकसान हुआ है। वह बच जाता। गरीबों की इस लापरवाही के कारण ग्रहस्थी उजड़ गई। करोड़ों का नुकसान हुआ। अब नए सिरे से बीहर नदी का चौड़ीकरण किया जाएगा और शहर को बाढ़ से बचाया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने कहा ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण को रोका जाए ताकी नदी का प्रवाह न रुके
रीवा शहर में गत दिनों अत्यधिक वर्षा के कारण जलभराव होने से कई मोहल्ले प्रभावित हुए थे और बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट में बाढ़ से बचाव के लिये विचार मंथन किया गया तथा वर्ष 2016 की बाढ़ के उपरांत सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ से बचाव के लिये बनाए गये प्रोजेक्ट में सुझाये गये बिन्दुओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ से बचाव के लिये आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीवा में नदी के किनारे ग्रीन वेल्ट में अतिक्रमण को रोकें ताकि नदी का प्रवाह अवरूद्ध न हो। उन्होंने उन्नत पुल से आगे करहिया की तरफ नदी के प्रवाह में पद्मधर कालोनी से लगे किनारे को दोनों तरफ चौड़ा करने की कार्ययोजना पर कहा कि शासकीय भूमि के अतिरिक्त निजी भूमि स्वामियों की सहमति से चौड़ीकरण कार्य कराया जाय ताकि बार बार आने वाली बाढ़ से मुक्ति मिले। उन्होंने करहिया पुल के नीचे बने वक्से के अवरोध को हटाने तथा चौड़ाई के बाद चैनलिंग करने के निर्देश दिये। श्री शुक्ल ने कहा कि उन्नत पुल से करहिया पुल तक तथा उससे आगे वायपास पुल तक नदी को चौड़ा किये जाने की कार्ययोजना बनाई जाय। नदी के अपस्ट्रीम में पूर्व के निर्मित तीन बांधों के वेस्ट वेयरए बंड को दुरूस्त करने तथा गेट बंद करने की कार्ययोजना भेजें ताकि उन बांधों में वर्षा का जल संग्रहित हो और नदी में ज्यादा पानी न आये और बाढ़ की स्थिति निर्मित न हो। बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि एलए का प्रस्ताव बनायें तथा बांधों के वेस्ट वेयर, बंड को दुरूस्त करने की भी कार्ययोजना प्रस्तुत करें। इस अवसर पर पूर्व मुख्य अभियंता आरएन शर्मा ने बाढ़ रोकने के लिये बनाये गये प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण कर आवश्यक सुझाव दिये। बैठक में अध्यक्ष नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय, आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, एसडीएम हुजूर वैशाली जैन, विवेक दुबे, राजेश पाण्डेय सहित सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।