मंत्री जी का कमाल: 66 करोड़ के इस भवन का लोकार्पण हो गया लेकिन शुरुआत नहीं हुई, साल बीतने वाले हैं

एमबीबीएस करने वाले छात्रों को नये भवन में पढऩा अब तक नसीब नहीं हुआ। कॉलेज के नए भवन का लोकार्पण हुए महीनों गुजर गए लेकिन शुरुआत नहंी हुई। अब भी पुराने भवन में ही कक्षाएं संचालित हो रही हैं। उसी में तोडफ़ोड़ और सुविधाओं पर बजट खर्च किया जा रहा है। चंद महीनों में साल गुजर जाएगा। लोकर्पण के दौरान छात्र खुश थे। अब छात्रों की खुशी धूमिल होने लगी है।

मंत्री जी का कमाल: 66 करोड़ के इस भवन का लोकार्पण हो गया लेकिन शुरुआत नहीं हुई, साल बीतने वाले हैं
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चुनाव के चक्कर में श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के अकादमिक भवन का करा दिया था राज्यपाल से शुभारंभ
कई महीने बीत गए लेकिन छात्रों को नहीं मिला पढ़ाई का सुख
रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए अकादमिक भवन का शुभारंभ लोकसभा चुनाव के पहले राज्यपाल ने किया था। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में 66.80 करोड़ रुपए से निर्मित अकादमिक भवन का लोकार्पण किया था। इस दौरान प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी उपस्थित थे। श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह अवसर पर सर्व सुविधायुक्त नवनिर्मित अकादमिक भवन का राज्यपाल ने विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन-अर्चन कर लोकार्पण किया था। उन्होंने फीता काटकर भवन को लोकार्पित करते हुए कांफ्रेंस हाल का भ्रमण भी किया तथा अकादमिक भवन में बनाए गए लेक्चर हाल, अध्ययन कक्ष तथा छात्रावास आदि के विषय में जानकारी ली थी। 66.80 करोड़ रुपए की लागत से प्रशासनिक भवन सहित सौ सीटेड इन्टर्न कन्या छात्रावास, सौ सीटेड इन्टर्न बालक छात्रावास तथा 250 सीटेड यूजी कन्या छात्रावास का निर्माण भी कराया गया। अकादमिक भवन को छोड़कर सभी शुरू हो गए हैं लेकिन इसका शुभ दिन नहीं आ पा रहा है। ऐसे में छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा।
सीटें बढ़ गई लेकिन सुविधाएं वहीं पुरानी जैसी
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस से लेकर पीजी तक की सीटें बढ़ गई है। एमबीबीएस की अब 150 सीटें हो गई है और कॉलेज 60 सीटों के हिसाब से तैयार किया गया है। ढ़ाई गुना छात्र वही पुराने लेक्चरर हाल में बैठ कर पढ़ रहे हैं। सभी छात्र कक्षाओं में आ भी नहीं पाते। प्रैक्टिकल कक्ष भी छोटे पढ़ रहे हैं। उम्मीद थी कि नए अकादमिक भवन में छात्रों को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी हालांकि ऐसा नहीं हो पाया है। सिर्फ चुनावी चक्कर में ही लोकार्पण कर मामले को रफादफा कर दिया गया।
कर्मचारियों को भी है लंबे समय से इंतजार
नए अकादमिक भवन में कई कार्यालय भी शिफ्ट होने हैं। ऐसे में जो कबाड़ में कार्यालय लग रहे हैं। उन कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी राहत मिलने वाली थी। हालांकि अभी तक लोकार्पित भवन में निर्माण कार्य जारी है। काम ही पूरा नहीं हो पाया है। अब ऐसे में अधूरे भवन का लोकार्पण कर सभी को भ्रम की स्थिति में डाल दिया गया है।