मप्र का सबसे बड़ा अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा: कुल 7 पर मामला दर्ज, लिपिक भी लपेटे में आया
शिक्षा विभाग में बिना मेहनत के नौकरी पाने और अनुकंपा नियुक्ति बांटने का बड़ा खुलासा हुआ है। पहले एक पकड़ा गया, फिर सालभर की नियुक्तियां खंगाली तो 5 और पकड़े गए। सिविल लाइन थाना में मंगलवार की रात को अनुकंपा प्रभारी सहित 6 पर एफआईआर दर्ज कराई गई। अब तक 7पर मामला दर्ज हो चुका है।

कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ सुदामा लाल गुप्ता पहुंचे थे थाना, दर्ज कराई एफआईआर
अनुकंपा शाखा प्रभारी भी रडार पर आए, इन पर भी मामला दर्ज
रीवा। स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ा अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा हुआ है। मप्र का अब तक का सबसे बड़ा फर्जी अनुकंपा नियुक्ति का मामला सामने आया है। यहां अवैध तरीके से नियुक्ति देने की फैक्ट्री खुली थी। सालों से गिरोह सक्रिय रहा और दनादन रुपये लेकर नियुक्तियां दी गईं। बृजेश कुमार कोल की नियुक्ति पकड़ाई तो मामला उजागर हुआ। डीईओ सुदामा लाल गुप्ता ने सालभर में दी गई अनुकंपा नियुक्ति की जांच बैठा दी। 36 नियुक्तियां दी गईं। सभी को रिकॉर्ड के साथ बुलाया गया। इसमें 5 और फर्जी पकड़े गए। डीईओ ने इसकी जानकारी कलेक्टर रीवा को दी। कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ सिविल लाइन थाना पहुंच गए। मंगलवार की रात को ही 6 फर्जी अभ्यर्थी सहित लिपिक पर मामला दर्ज कराया गया।
इन पर दर्ज हुआ मामला
डीईओ रिकार्ड के साथ मंगलवार को सिविल लाइन थाना पहुंचे। फर्जी दस्तावेज से अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। इसमें प्रमुख रूप से हीरामणि कोल, विनय कुशवावत, ऊषा कोल, सुषमा कोल, ओमप्रकाश कोल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा धड़ाधड़ अनुकंपा नियुक्ति की फाइलों में साइन कराने वाले शाखा प्रभारी लिपिक रमाप्रसन्न दुबे के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है।
अभी और निकलेंगी फर्जी अनुकंपा नियुक्तियां
यह 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्तियां सिर्फ एक साल की हैं। गिरोह लंबे समय से सक्रिय है। सुदामा लाल गुप्ता ने अपने कार्य काल की तो जांच कराकर खुद पर लगे दाग को धोने की कवायद पूरी कर ली है लेकिन इसके पूर्व पदस्थ रहे डीईओ के कार्यकाल की जांच अभी बांकी है। पूर्व के डीईओ ने भी जाते जाते कई अनुकंपा नियुक्ति की फाइलें निपटाईं हैं। पिछले पांच सालों की जांच हुई तो फर्जी अनुकंपा नियुक्ति के रिकार्ड टूट जाएगा।
पूर्व डीईओ ने किया था यह कांड जो कर रहे काम
स्कूल शिक्षा विभाग में एक ऐसा भी मामला सामने आया है जिसमें एक की जगह परिवार से दो लोगों को नियुक्ति प्रदान की गई है। एक बेटा और एक बेटी को पिता की मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। सूत्रों की मानें तो पहले एक नियुक्ति आरएन पटेल ने दी थी। फिर बाद में दूसरा आवेदन जीपी उपाध्याय के डीईओ रहते फाइल की गई थी। डाइट जाने के पहले दूसरी नियुक्ति भी उन्होंने दे दी थी। अब जांच में ही खुलासा होगा।
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5 कंडीडेट सहित लिपिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। अब तक 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्ति के मामले सामने आ चुके हैं।
सुदामा लाल गुप्ता
जिला शिक्षा अधिकारी, रीवा