शिक्षा विभाग का अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा: आधी रात थाना पहुंचे डीईओ, 5 पर दर्ज कराई FIR
रीवा का अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा मप्र का सबसे बड़ा घोटाला बनने वाला है। पहले एक प्रकरण पकड़ में आया। अब 5 नये मामले मिले हैं। इनके खिलाफ FIR दर्ज कराने डीईओ सिविल लाइन थाना आधी रात को पहुंचे। एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

अनुकंपा का प्रभार पहले बाहरी कर्मचारी को दिए और अब अनुदान घोटाला के दागी को मिला
अनुकंपा नियुक्ति मामले में अब तक छह के खिलाफ हुई एफआईआर
रीवा। स्कूल शिक्षा विभाग का फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मामला विकराल रूप लेते जा रहा है। एक के बाद एक नए मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब तक छह फर्जी अनुकंपा नियुक्त के प्रकरण मिल चुके हैं । इनके खिलाफ एफआईआर भी सिविल लाइन थाना में दर्ज करा दी गई है। हद तो यह है कि यह सारे मामले सिर्फ एक साल में दी गई अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण में सामने आए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता अपने कार्य काल की ही जांच कराकर फंस गए हैं। अब तक उनके हस्ताक्षर से 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी किए गए। बकायदा कर्मचारी नौकरी कर रहे थे। बृजेश कुमार कोल का प्रकरण पकड़ में आया तो अब एक एक सारे मामले बाहर आते जा रहे हैं। फिलहाल वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल के ही प्रकरण सामने आए हैं। अभी इनके पहले पदस्थ गंगा प्रसाद उपाध्याय के कार्यकाल के भी प्रकरण सामने आने शेष हैं। डीईओ सुदामा लाल गुप्ता ने फिलहाल पांच और फर्जी अनुकंपा नियुक्ति लेने वालों के खिलाफ सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कर दी है। फिर दर्ज करने के बाद पुलिस इन फर्जी नौकरी लेने वालों की तलाश में जुट गई है।
अनुदान घोटाला के बाद अब नया घोटाला
स्कूल शिक्षा विभाग भाजपा कार्यकाल में और बदनाम हो गया है। यहां एक के बाद एक घोटाले हुए। इन घोटालों ने मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग की छवि धूमिल की। अनुदान घोटाला किसी से छुपा नहीं है। इस अनुदान और सामग्री खरीदी घोटाले में करीब 23 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई। सिविल लाइन थाना में तीन एफआईआर दर्ज हुई लेकिन व्यस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ। अनुदान घोटाले में मुख्य आरोपी थे वह वहीं पर यथावत पदस्थ हैं। वहीं जांच अधिकारी हटा दिए गए और रडार पर भी आ गये। एक मामला खत्म नहीं हुआ था कि अब नया अनुकंपा नियुक्ति का सबसे बड़ा मामला सामने आया है।
अटैचमेंट में था लिपिक उसे ही दी गई थी सारी जिम्मेदारी
संलग्न लिपिक को अनुकम्पा का प्रभार जिला शिक्षा अधिकारी रीवा सुदामा लाल गुप्ता द्वारा दिया गया था। अनुकम्पा प्रभारी रमाप्रपन्न व्दिवेदी की मूल पदस्थापना विकास खंड शिक्षा अधिकारी रीवा में हैं, परंतु जिला शिक्षा अधिकारी रीवा अटैच करके रखे हुए थे। यही वजह है कि सारा फर्जीबाड़ा गोपनीय तरीके से दस्तावेज में हेर-फेर कर किया गया। यह सब कार्य कार्यालय में ही किया गया। शासन स्तर से अनुकम्पा के आवेदन ऑनलाइन संकुल के माध्यम से किया जाना चाहिए था, उसके बाद हार्ड कापी में संकुल प्रभारी के हस्ताक्षर से भेजना था। हालांकि ऐसा नहीं किया गया। ऑनलाइन आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी के login में भी दिखाई देता है। इसके बाद भी लापरवाही की गई।