रीवा में शुरू हुआ यह नया लैब, अब सागर और ग्वालियर की दौड़ नहीं लगानी होगी, यहीं हो जाएगी सारी जांच

रीवा में बन कर तैयार हुए क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का शुक्रवार को शुभारंभ हो गया। इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वर्चुअली किया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल मौजूद रहीं। इस लैब् के शुरू हो जाने से पुलिस को अपराधों के निराकरण में सहूलियत होगी। अपराधों का खुलासा जल्द होगा। अब तक बिसरा आदि की जांच के लिए सागर और ग्वालियर जाना पड़ता था। अब यहीं सारी जांच हो जाएगी।

रीवा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शुक्रवार को दोपहर 2.45 बजे वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से पुलिस लाइन में ईओडब्लू ऑफिस के पास स्थित क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला पुलिस लाइन रीवा का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि अभी तक आपराधिक मामलो में जांच सागर, भोपाल, ग्वालियर आदि शहर में कराना पडता था। अब मामले की जांच न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रीवा में करा सकेंगे। जो आपराधिक मामलो में वैज्ञानिक जांच को गति प्रदान करेगी। कार्यक्रम के दौरान जिला भाजपा अध्यक्ष बीरेन्द्र गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन गौरव राजपूत, पुलिस उप महानिरीक्षक रीवा राजेश सिंह, कलेक्टर प्रतिभा पाल, पुलिस अधीक्षक रीवा विवेक सिंह, जनप्रतिनिधि सहित पुलिस राज्य पत्रित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।  नवीन क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रीवा के संबंध में पुलिस अधीक्षक रीवा विवेक सिंह ने बताया कि नवीन क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रीवा के भवन निर्माण हेतु लैब के लिए राशि रू. 3.66 करोड़ तथा लैब के लिए उपकरणों पर राशि रू. 3.10 करोड, कुल राशि रू. 6.76 करोड़ राशि व्यय की गई है।
इन जिलों को मिलेगा फायदा और यह सारी जांचे होंगी
इस प्रयोगशाला में रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मउगंज व मैहर जिलों के अपराधों के घटनास्थल से जप्त प्रदर्शों का टाक्सीकोलॉजी, रसायन एवं जीवविज्ञान से संबंधित प्रकरणों का परीक्षण किया जावेगा। इसके साथ ही टाक्सीकोलॉजी शाखा में जहर खुरानी तथा सर्पदंश एवं विष व जहर से संबंधित अन्य प्रकरणों का परीक्षण किया जावेगा। रसायन शाखा में मादक पदार्थ जैसे शराब, गांजा, भांग, अफीम, ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों तथा रिश्वत संबंधी ट्रेप प्रकरणों में लोकायुक्त द्वारा जप्त रंगीन घोल संबधित प्रकरणों का किया जावेगा। बायोलॉजी शाखा में हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरणों में शारीरिक द्रव्यों जैसे- रक्त, वीर्य, लार से संबंधित प्रकरणों का परीक्षण किया जावेगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस प्रयोगशाला में वैज्ञानिक अधिकारी व अधीनस्थ स्टॉफ की पदस्थापना की जा चुकी है। प्रयोगशाला में आवश्यक समस्त उपकरण स्थापित किये जा चुके हैं। नवीन प्रयोगशाला के आरंभ हो जाने से इनके क्षेत्राधिकार के जिलों से संबधित आपराधिक प्रकरणों का परीक्षण कर, परीक्षण रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रदाय की जा सकेगी, जिससे न्यायालयों द्वारा भी समय-सीमा में प्रकरणों का निकाल किया जाकर अपराधियों को दण्डित किया जाना संभव हो सकेगा।