शराब पीकर आया कर्मचारी और अधिकारी ने बचाया तो अब दोनों निपटेंगे, कमिश्नर ने जारी किया अल्टीमेटम

अब सरकारी संस्थाओं में कर्मचारियों का शराब पीकर आना अधिकारी को भी महंगा पड़ेगा। कर्मचारी पर यदि संस्था प्रमुख ने कार्रवाई नहीं की और जानकारी छुपाई तो इसकी सजा दोनों को भुगतना पड़ेगा। कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने सभी जिला कलेक्टर को अल्टीमेटम पत्र जारी किया है। सभी कलेक्टर को मादक पदार्थो का सेवन कर संस्थान में आने वालों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

शराब पीकर आया कर्मचारी और अधिकारी ने बचाया तो अब दोनों निपटेंगे, कमिश्नर ने जारी किया अल्टीमेटम

लगातार शराब के नशे में स्कूल पहुंचने वाले शिक्षकों की करतूतों के बाद एक्शन में आए संभागायुक्त
सभी जिला के कलेक्टर को जारी किया पत्र बोले आदेश का पालन कराएं
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा में लगातार स्कूलों में शिक्षकों की करतूतें सामने आ रही है। नशें में शिक्षक स्कूल पहुंच रहे हैं। शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षक अभद्रता करते हैं। नशे में कक्षाओं में लोटते नजर आते हैं। लगातार शिक्षकों की नशे में स्कूल पहुंचने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। हाल ही में जवा स्कूल का प्रकरण सुर्खियों में रहा। शिक्षकों की यह करतूत पूरे शिक्षा जगत को शर्मशार करती है। इसके अलावा भी कई विभागों के कर्मचारियों की शराब पीने के वीडियो और फोटो पहले भी वायरल हो चुके हैं। लगातार इस तरह की सरकारी कर्मचारियों की हरकतें और करतूतें सामने आने पर कश्मिनर रीवा संभाग रीवा ने कड़ा एक्शन लेने के सख्त निर्देश दिए हैं। सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र जारी कर निर्देश और आदेश का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि संस्थान में कोई भी कर्मचारी नशे में मिलता है और संस्था प्रमुख उसे बचाने की कोशिश करता है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों का नशे में पहुंचना चिंता का विषय
सरकारी स्कूलों के शिक्षक नशे में स्कूल पहुंच रहे हैं। माध्यमिक और प्रायमरी शिक्षक ऐसी हरकते कर रहे हैं। छोटे छोटे बच्चे शिक्षकों के संरक्षण में रहते हैं। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। शिक्षकों का नशे में स्कूल पहुंचने का सिलसिला चिंता का विषय  बन गया है। यही वजह है कि कमिश्नर ने पत्र जारी कर शासकीय सेवकों से यह अपेक्षा है कि वह कार्यालयों में विहित आचरण नियमों का पालन करते हुए अपने दायित्वों को अनुशासनपूर्वक निर्वहन करें।
कमिश्नर ने यह जारी किया है आदेश
 शासकीय कार्यालयों, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थाओं में शासकीय सेवकों, शिक्षकों के शराब का सेवन करके कार्यस्थल मे उपस्थित होने के प्रकरण संज्ञान में आए हैं जो आचरण नियमों के विपरीत होकर अशोभनीय कृत्य की परिधि में आता है। ऐसी घटनाओं से शासन, प्रशासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मप्र सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 23 अनुसार शासकीय सेवकों को कार्यस्थल तथा सार्वजनिक स्थल पर मादक देय पदार्थों एवं औषधियों के प्रयोग पूर्णत: निषिद्ध किया गया है। इसका उल्लंघन अनुशासनहीनता के साथ पदीय दायित्वों के प्रतिकूल होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। इसलिए सभी कार्यालय प्रमुखों, संस्था प्रमुखों का यह दायित्व है कि वह स्वयं आचरण नियमों का दृढ़तापूर्वक पालन करें तथा अपने नियंत्रणाधीन शासकीय सेवकों के आचरणों का नियमित रूप से पर्यवेक्षण करें। उनका पालन सुनिश्चित कराएं। ऐसे प्रकरणों में दोषी शासकीय सेवकों के विरुद्ध तत्परता पूर्वक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यदि ऐसे प्रकरण संज्ञान में आते हैं कि संस्था प्रमुख द्वारा स्वयं निर्देशों का पालन नहीं किया गया। दोषी शासकीय सेवक के विरुद्ध उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और अन्य माध्यम से यह ज्ञात होता है कि कर्मचारी, अधिकारी शराब शेवन कर कार्यालय में उपस्थित हुए हैं तो संबंधित शासकीय कर्मचारी, अधिकारी के साथ साथ संस्था प्रमुख के विरुद्ध भी कठोर और अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
अब तक नहीं हुई शिक्षक पर कार्रवाई
भले ही कमिश्नर ने आदेश जारी कर चेतावनी दे दी हो लेकिन एक मामले में अब तक एक्शन नहीं लिया गया है। जवा में हेडमास्टर और संकुल प्राचार्य को कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है। वहीं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक दो अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक के खिलाफ एक महीने बाद भी किसी तरह का एक्शन नहीं लिया गया। संकुल प्राचार्य की टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया था। इस दौरान शिक्षक रमाकांत वर्मा नशे में मिले थे। टीम ने रमाकांत वर्मा के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भी तैयार किया था लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इसके पहले यह शिक्षक प्राथमिक कन्या स्कूल बोदाबाग में भी शराब के नशे में मिला था। जिस पर उन्हें निलंबित भी किया गया था।