मेडिकल कॉलेज का भ्रष्टाचार, नई बिल्डिंग हैंडओव्हर के पहले ही हुई कबाड़, भरभरा कर गिरी फॉल सीलिंग

अगर मप्र में भ्रष्टाचार का जीता जागता नमूना देखना है तो रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज चले आइऐ। यहां करोड़ों की नई बिल्डिंग बनी है। हैंडओव्हर के पहले इसकी सारी दुर्गति हो गई है। दो साल से इसे सुधारने की कोशिश की जा रही लेकिन सुधर नहीं पा रही। मंगलवार को नई बिल्डिंग के द्वितीय तल में लगा फॉल सीलिंग भरभरा कर गिर गया। गनीमत रही कि कोई चोटिल नहीं हुआ।

मेडिकल कॉलेज का भ्रष्टाचार, नई बिल्डिंग हैंडओव्हर के पहले ही हुई कबाड़, भरभरा कर गिरी फॉल सीलिंग

अकादमिक भवन के पीछे नई बिल्डिंग में बड़ा हादसा टला, कई मीटर लंबाई में गिरा फॉल सीलिंग

रीवा। आपको बता दें कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में करोड़ों की लागत से नए अकादमिक भवन का निर्माण किया गया था। दो अकादमिक भवन बनाए गए थे। इसमें से एक भवन का लोकार्पण मप्र के राज्यपाल ने किया था। वहीं दूसरा निर्माणाधीन था। दूसरे भवन पुराने अकादमिक भवन के ठीक पीछे बना हुआ है। यह भवन पूरी तरह से बन कर तैयार हो गया है लेकिन हैंडओव्हर नहीं हुआ है। यह भवन बनने के साथ ही विवादों में आ गया। पूरा भवन ही पहली बारिश में ऊपर से लेकर नीचे तक चूने लगा था। ठेकेदार ने इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। छत पर बारिश का पानी न आए इसके लिए शेड डाला गया। वह भी गर्मी में उड़ गया। इस बारिश भी पूरी बिल्डिंग पानी से तरबतर रही। अब नया मामला फॉल सीलिंग का आ गया है। पिछले साल भी इस भवन की फॉल सीलिंग भरभरा कर गिर गई थी। ठेकेदार ने इसमें सुधार किया था। यह फॉल सीलिंग जरा सी बारिश  नहीं झेल पाई। द्वितीय तल में पीएसएम विभाग के सामने लगी फॉल सीलिंग भरभरा कर गिर गई। गनीमत तो यह रही कि इस दौरान कोई शिक्षक या छात्र मौजूद नहीं था। वर्ना बड़ा हादसा तय था। 

बिना हैंडओव्हर के ही कक्षाएं और लाइब्रेरी शिफ्ट कर दी गई

यह भवन पूरी तरह से रिस्की है। इसका निर्माण ही घटिया स्तर का हुआ है। इसके बाद भी डीन ने इतना बड़ा रिस्क लिया। कई विभागों को यहां शिफ्ट कर दिया गया है। लाइब्रेरी से लेकर पीएसएम विभाग तक शिफ्ट कर दिया गया है। आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं। यहां लिफ्ट लगी है कि लेकिन वह हर दिन खराब ही रहती है। इस लिफ्ट में भी कुछ महीने पहले एमबीबीएस के छात्र फंस गए थे। बिल्डिंग पूरी तरह से बारिश में रिसने लगती है। अभी यहां निर्माण कार्य चालू है। फिर भी छात्रों और शिक्षकों की जान जोखिम में डाल दी गई। निर्माणाधीन बिल्डिंग में ही कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। 

बड़ा हादसा टल गया वर्ना जान तक चली जाती

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन की लापरवाही किसी ने किसी की जान ही ले लेगी। नए भवन की पूरी फॉल सीलिंग पानी रिसने के कारण खराब हो चुकी है। बारिश में ग्राउंड फ्लोर में लगी फॉल सीलिंग तक से पानी गिर रहा था। जैसे जैसे मौसम में बदलाव आएगा। पूरे भवन में लगी फॉल सीलिंग धरसाई होती जाएंगी। यदि कोई बड़ा हिस्सा किसी छात्र छात्राओं पर गिरा तो जनहानी से भी भी इंकार नहीं किया जा सकता।