अनुकंपा नियुक्ति में नपने वाले हैं डीईओ! कमिश्नर ने थमाई नोटिस, 48 घंटे में मांगा जवाब

स्कूल शिक्षा विभाग में हुए अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा मामले में डीईओ और लिंक अधिकारी पर गाज गिरनी तय है। डीईओ को हटाने की भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। वहीं कलेक्टर के प्रस्ताव पर कमिश्नर ने डीईओ और योजना अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया है। 48 घंटे में जवाब मांगा गया है।

अनुकंपा नियुक्ति में नपने वाले हैं डीईओ! कमिश्नर ने थमाई नोटिस, 48 घंटे में मांगा जवाब
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स्कूल शिक्षा विभाग में 6 लोगों की हुई फर्जी अनुकंपा नियुक्ति

लिपिक सहित 7 लोगों पर सिविल लाइन में दर्ज कराई जा चुकी है एफआईआर

रीवा। स्कूल शिक्षा विभाग रीवा में मप्र का ऐसा पहला मामला है जहां बिना अभिभावक के नौकरी के ही बच्चों को अनुकंपा नियुक्ति बांटी गई। यहां लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति देने का खेल चल रहा था। इसकी खुलासा बृजेश कुमार कोल के फर्जी दस्तावेज पकड़े जाने के बाद सामने आया। बवाल मचा तो कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ सुदामा लाल गुप्ता ने साल भर में हुए नियुक्ति के रिकार्ड खंगालने के निर्देश दे दिए। जितनी भी नियुक्तियां की गई सभी आवेदकों को रिकार्ड सहित बुलाया गया। इसमें भी पांच आवेदक के दस्तावेज फर्जी निकले। यह सारे आवेदकों के नियुक्ति आदेश वर्तमान डीईओ ने ही जारी किए थे। मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर सिविल लाइन थाना में 5 और फर्जी अनुकंपा नियुक्ति पाने वालो पर एफआईआर दर्ज कराई गई। लिपिक रमाप्रपन्न दुबे के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद इस बड़ी गड़बड़ी के लिए डीईओ सुदामा लाल और योजना अधिकारी अखिलेश शुक्ला को भी दोषी माना गया। इनके खिलाफ भी कार्रवाई का प्रस्ताव डीईओ ने कमिश्नर के पास भेज दिया। कमिश्नर ने इस मामले में डीईओ सुदामा लाल गुप्ता और योजना अधिकारी अखिलेश शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस भी दोनों अधिकारियों को मिल गई है। 48 घंटे का समय दिया गया है। दो दिन में दोनों अधिकारियों को जवाब देना है। इसके बाद कार्रवाई तय की जाएगी।

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डीईओ को हटाने की चल रही है तैयारी

बड़े अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा से रीवा की छवि धूमिल हुई है। इसे पाटने के लिए अब डीईओ को ही हटाने की तैयारी चल रही है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद संभव है कि स्कूल शिक्षा विभाग को नया डीईओ मिल जाए। डीईओ की कुर्सी पर बैठने के लिए कई लोग लाइन में खड़े हैं। अब किसका नंबर लगेगा यह कहना मुश्किल है। सुदामा लाल गुप्ता सभी को मैनेज करके चलते थे। राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों को साथ लेकर चलते हैं। अब ऐसा ही चेहरा तलाशा जा रहा है। 

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पुलिस की कार्रवाई सुस्त, एक भी पकड़ नहीं आए

इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। सिविल लाइन थाना में अब तक 7 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा चुका है लेकिन एक भी अब तक पकड़ में नहीं आए। एक भी पकड़ में आ जाए तो इस पूरे गिरोह का ही पर्दाफाश हो सकता है। हालांकि पुलिस जानबूझ कर दबाव में आकर आरोपियों को पकडऩे की कोशिश नहीं कर रही है। यदि आरोपी पकड़े गए तो कई चेहरे इस मामले में बेनकाब हो सकते हैं। जिन्होंने रीवा मेें अवैध अनुकंपा नियुक्ति की दुकान चला रखी थी।