नहर की जमीन पर कब्जा करने वालों के गिरेंगे मकान, टूटेगा अतिक्रमण, एक्टिव हुआ जल संसाधन विभाग

नहर की जमीनों को पाटकर प्लाङ्क्षटग किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद जल संसाधन विभाग हरकत में आया है। एसडीओ ने तहसीलदार हुजूर और पुलिस थाना को पत्र लिखा है। सीमांकन के बाद अतिक्रमण हटाने की मांग की है।

नहर की जमीन पर कब्जा करने वालों के गिरेंगे मकान, टूटेगा अतिक्रमण, एक्टिव हुआ जल संसाधन विभाग

अनुविभागीय अधिकारी ने तहसीलदार हुजूर को लिखा सीमांकन के लिए पत्र
कई जगहों पर नहर की जमीन पाट कर प्लाटिंग कर लिया गया है
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा में पुरवा नहर संभाग अंतर्गत कई माइनर नहरें निकाली गई थी। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जल संसाधन विभाग ने जमीन का नामांतरण नहीं  कराया और समय के साथ ही इन जमीनों का भूस्वामियों ने व्यावसायिक उपयोग करना शुरू कर दिया। नहर को पाट कर प्लाटिंग शुरू कर दी। कई एकड़ भूमि गायब कर दी। अब जब मामला प्रकाश में आया तो जल संसाधन विभाग हरकत में आया है। अनुविभागीय अधिकारी जल ससंाधन उपसंभाग रीवा ने मामले को लेकर तहसीलदार हुजूर को पत्र लिखा है। सीमांकन और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
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जल संसाधन ने माना अतिक्रमण हो गया है
अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग ने तहसीलदार को लिखे पत्र में कहा है कि उप संभाग के अधीन भिंडौरा एनीकट सिंचाई योजना का निर्माण वर्ष 1968 में किया गया था। इस योजना में मझिगवां, सगर एवं गंगहरा ग्रामों के कुल 260 एकड़ भूमि की सिंचाई होती थी। योजना से सिंचित भूमि बाण सागर की नहरों के कमांड में आ जाने के कारण इस योजना से 10-12 वर्षों से सिंचाई नहीं हो रही है। योजना की कुल लंबाई 3510 मी थी। लोगों ने अतिक्रण कर नहर समतल कर ली है।
पटवारी के साथ अधिकारियों ने किया निरीक्ष
हल्का टिकुरी का पटवारी के साथ एसडीओ ने निरीक्षण किया था। निरक्षण में ग्राम मझिगवां की भूमि खसरा क्रमांक 116 में स्थित नहर को भूमि स्वामियोंं द्वारा पाटकर नहर की संरचना समाप्त कर दी गई है। मौके पर खसरा क्रमांक 116 में आवासीय प्लाटिंग की गई है। नहर की आरडी 67 मीटर से 234 मीटर तक नहर में खोदाई कर नहर का स्वरूप परिवर्तित कर दिया गया है। आरडी 234 मीटर से आगे नहर के दाहिने बैंक में लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्मित कर नहर को संकरा और क्षतिग्रस्त कर दिया है। भिंडौरा एनीकट की पूरी नहर राजस्व अभिलेख में अंतिम न हीं होने का फायदा उठाया गया है।
अधिवक्ता बीके माला ने की थी शिकायत
नहर की जमीन पर अतिक्रमण कर प्लाटिंग किए जाने की शिकायत अधिवक्ता बीके माला ने की थी। इसके बाद ही जल संसाधन विभाग हरकत में आया है। एसडीओ ने निरीक्षण के बाद अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व अधिकारी को पत्र लिखा है। इसी तरह रीवा शहर के आसपास अजगरहा, करहिया आदि ग्रामों में भी नहर की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है।