संजय गांधी अस्पताल की बदलने वाली है काया, होंगे 27 बड़े निर्माण कार्य, मिट्टी का परीक्षण शुरू, जानिए क्या क्या होने वाला है नया बदलाव

संजय गांधी अस्पताल की सूरत बदलने वाली है। पूरी बिल्डिंग ही नए रूप में नजर आएगी। कैबिनेट की बैठक में बजट स्वीकृत होने के बाद अब काम ने गति पकडऩी शुरू कर दी है। भोपाल से इंजीनियर रीवा पहुंच गए हैं। जहां निर्माण होना है वहां के मिट्टी का परीक्षण किया जा रहा है। एसजीएमएच और मेडिकल कॉलेज परिसर में 27 नए और बड़े निर्माण कार्य होने हैं। इसमें नया नर्सिंग कॉलेज भवन, हास्टल से लेकर कर्मचारी, अधिकारियों के मल्टीस्टोरी बिल्डिंग तक शामिल हैं।

संजय गांधी अस्पताल की बदलने वाली है काया, होंगे 27 बड़े निर्माण कार्य, मिट्टी का परीक्षण शुरू, जानिए क्या क्या होने वाला है नया बदलाव

डॉक्टरों के क्वार्टर भी टूटेंगे, यहां बनेंगे 8 मंजिला ऊंची इमारत

डॉ सोनल अग्रवाल का बंगला तोड़कर बनाया जाएगा  नर्सिंग कॉलेज

रीवा। रीवा मेडिकल कॉलेज मेडिकल हब बनेगा। मंत्रिपरिषद की बैठक में 322 करोड़ रुपए रीवा के लिए स्वीकृत हुए थे। बजट स्वीकृति के बाद अब रुके हुए कार्यों को गति देने की कवायद शुरू हो गई है। भोपाल से इंजीनियरों ने रीवा में डेरा डाल लिया है। नए निर्माण कार्यों के लिए मिट्टी परीक्षण (एसपीटी) का काम शुरू हो गया। बिल्डिंग डेव्हलपमेंट अथॉरिटी के इंजीनियर नए निर्माण कार्य स्थल के मिट्टी के नमूनें की जांच कर रहे हैं। जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। आने वाले दिनों में रीवा मेडिकल के क्षेत्र की बड़ी नगरी बन कर सामने आएगा। मेडिकल कॉलेज के पास कुल 48 हेक्टेयर जमीन है। इसी भूमि पर अब नए और अत्याधुनिक भवन बनाने की शुरुआत की गई है। कम जगह पर ही बेहतर और ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। इलाज के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। नए प्लान में कुल 27 बड़े और छोटे निर्माण कार्य होने हैं। 

पुराना जीएमएच टूटेगा, यहां बनेगा नया अत्याधुनिक ओपीडी भवन

गांधी स्मृति चिकित्सालय का पुराना भवन तोड़ दिया जाएगा। पूरे भवन को जमींदोज कर नए सिरे से यहां पर निर्माण किया जाएगा। यहां पर नया और अत्याधुनिक ओपीडी भवन बनाया जाएगा। इसी नए भवन में ईएनटी और नेत्र रोग विभाग भी संचालित होगा। यह जी प्लस 5 फ्लोर का भवन होगा। 

अमृत फार्मेसी की जगह बनेगा मल्टीलेबल पार्किंग

वर्तमान में जहां अमृत फार्मेसी को खोला गया है। वहां पर मल्टीलेबल पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। इसकी जद में गार्डन भी आएगा। यहां कई फ्लोर का पार्किंग स्थल बनाया जाएगा। जिससे एक के ऊपर एक फ्लोर में गाडिय़ां पार्क की जा सकेंगे। पार्क की भूमि भी प्रभावित होगी। 

नया नर्सिंग कॉलेज भवन बनेगा

जीएमएच के पीछे डॉ सोनल अग्रवाल का बंगला तोड़ा जाएगा। इस जगह पर नया नर्सिंग कॉलेज बनाने की तैयारी है। वहीं पुरान नर्सिंग कॉलेज भवन को तोड़कर नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं के लिए हास्टल बनाया जाएगा। वर्तमान समय में नर्सिंग कॉलेज के पास खुद का भवन नहीं है। मेडिकल कॉलेज के चौथे तल पर ही इसका संचालन किया जा रहा है। भवन न होने के कारण मान्यता पर भी सवाल खड़ा हो गया था। 

डॉक्टरों के भवन तोड़कर बनेगा 8 मंजिला बिल्डिंग

वर्तमान समय में मेडिकल कॉलेज के पीछे गार्डन को तोड़कर दो आठ मंजिला मल्टीस्टोरी भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसके तैयार होने के बाद दोनों तरफ की डॉक्टरों के क्वार्टर की लाइनों को जमींदोज किया जाएगा। इन लाइनों को तोड़कर दो और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। यह भवन भी 8 मंजिला ही बनेंगी। डॉ मनोज इंदूलरकर और डॉ एसके त्रिपाठी की लाइनों के मकान तोड़े जाएंगे। 

सुपर के पीछे बनेगा गायनी विभाग का भवन

वर्तमान में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पीछे ही एक्सटेंशन वर्क चल रहा है। इसी एक्सटेंशन भवन के पीछे ही नया जीएमएच का निर्माण किया जाएगा। पुराना भवन तोड़कर यहां मल्टी स्टोरी भवन तैयार किया जाएगा। इसमें गायनी के साथ ही बच्चा वार्ड को भी शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि पहले भवन का निर्माण होगा फिर पुराने भवन को जमींदोज किया जाएगा। 

पुराने ओपीडी भवन का होगा कायाकल्प, ट्रामा सेंटर बनेगा

वर्तमान समय में जहां ओपीडी लगती है। उसे ट्रामा सेंटर के रूप में डेव्हलप किया जाएगा। इसे पहले तोड़कर नए सिरे से बनाने की तैयारी थी लेकिन प्लान में बदलाव किया गया है। अब इसमें कायाकल्प कर जरूरी बदलाव किए जाएंगे। 

कर्मचारियों के लिए भी बनेंगे मकान

इस नए प्रोजेक्ट में कर्मचारियों के भी बहुत कुछ है। डॉक्टरों की तरह की इसमें कर्मचारियों के लिए भी मल्टी स्टोरी भवन बनाया जाएगा। यह भवन एमपीईबी के पास ही गोदाम को तोड़कर किया जाएगा। इसका निर्माण शुरू भी हो गया है। इसमें दो भवन बनाए जाएंगे। इसमें भी आठ फ्लोर होंगे। 

डिप्टी सीएम के कारण हुआ संभव

रीवा में हो रहे बदलाव के लिए डिप्टी सीएम का प्रयास अहम है। उनके प्रयास से ही मेडिकल कॉलेज में बड़े निर्माण कार्य शुरू हो पाए है। कई नई मशीनरी पहुंच गई है। सीटी स्केन, एमआरआई जैसी जांच की सुविधाएं मिलने वाली हैं। कैंसर यूनिट तैयार हो रहा है। इसके अलावा जो भी नया बदलाव होगा वह उनकी की दूरदर्शिता के कारण संभव हुआ ह। वहीं अस्पताल की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने मे अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा का विशेष योगदान है। डॉ राहुल मिश्रा के नेतृत्व में ही मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मिल पाएगी।