गर्मी ने ऐसा तपाया कि ठंडा रखने शहर के लोगों ने एक महीने में जला डाली 200 लाख यूनिट से अधिक बिजली
गर्मी ने लोगों को इतना तपाया कि बचने के लिए लोगों ने बिजली को खूब जलाया। घर को ठंडा रखने एसी और कूलर खूब जलाया। इसका असर अब बिजली के खर्च पर पड़ा है। एक महीने पहले 200 लाख यूनिट बिजली रीवा के लोगों को जलाई। इस महीने सिर्फ 20 दिन में खपत 20 फीसदी और बढ़ गई है। मई और जून में यह खपत रिकार्ड तोड़ देगी। 400 लाख यूनिट से भी अधिक बिजली के खपत का अंदाजा है।

मार्च में रीवा शहर में 200 लाख यूनिट बिजली की खपत आई थी
अप्रैल में 20 दिनों में यह खपत 20 फीसदी और बढ़ गईं
रीवा। गर्मी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। गर्मी बढ़ते ही सबसे ज्यादा डिमांड बिजली की बढ़ी है। डेढ़ गुना बिजली की खपत बढ़ गई है। मार्च में रीवा शहर में 200 लाख यूनिट बिजली खप रही थी। वहीं खपत अप्रैल में 15 फीसदी और अधिक बढ़ गई है। आने वाले समय में बिजली खपत के पुराने रिकार्ड धरासाई होने वाले हैं।
ज्ञात हो कि इस मर्तबा अप्रैल में ही गर्मी ने रिकार्ड तोडऩा शुरू कर दिया है। पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। आसमान से आग बरसनी शुरू हो गई है। लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने कूलर और एसी का सहारा ले रहे हैं। दिन और रात में बिजली का लोड बढ़ गया है। लोड बढऩे से विद्युत विभाग की टेंशन भी बढ़ गई है। बिजली आपूर्ति सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। विद्युत विभाग लोड बढऩे के साथ ही आपूर्ति बनाए रखने के सारे इंतजाम कर लिए हैं। अप्रैल महीने में ही बिजली की खपत पिछले महीने की तुलना में 15 फीसदी तक बढ़ गया है। आने वाले समय में दोगुना तक खपत पहुंचने उम्मीद है।
सामान्य दिनों में 150 लाख यूनिट है खपत
विद्युत विभाग के अधिकारियेां की मानें तो सामान्य दिनों में बिजली की खपत 150 लाख यूनिट ही रहती है। यह खपत सिर्फ शहरी क्षेत्र की है। सिटी डिवीजन में करीब 80 लाख उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं में ही 150 लाख यूनिट महीने में बिजली खप जाती है। मार्च में यही खपत बढ़ कर 200 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। अभी अप्रैल खत्म भी नहीं हुआ कि अधिकारियेंा के पसीने छूटने लगे हैं। मार्च महीने की खपत की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा बिजली जल रही है। ऐसे में इस महीने 250 लाख यूनिट के खपत का अनुमान लगाया जा रहा है।
पिछले साल जून में 400 लाख यूनिट तक हुई थी खपत
शहर संभाग में बिजली खपत की बात करें तो मई और जून का महीना सबसे भारी पडऩे वाला है। आपूर्ति बहाल रखना बड़ी चुनौती साबित होगा। पिछले साल जून महीने में 400 लाख यूनिट बिजली शहर संभाग के उपभोक्ताओं ने जलाया था। यह आंकड़ा इस मर्तबा मौसम के मिजाज को देखते हुए बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मर्तबा पिछले साल का भी रिकार्ड टूट जाएगा। विद्युत विभाग के अधिकारी मई और जून में करीब 450 लाख यूनिट बिजली के खपत का अनुुमान लगा रहे हैं।
धीरे धीरे बढ़ रहे हैं बिजली उपभोक्ता और डिमांड
शहर संभाग में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या धीरे धीरे बढ़ रही है। नए घर बन रहे हैं। क्षेत्र का भी विस्तार हो रहा है। नई कालोनियां भी बस रही हैं। ऐसे में बिजली की डिमांड बढऩा स्वाभाविक है। उपभोक्ताओं की संख्या बढऩे से डिमांड भी बढ़ जाएगी। अब घरों में कूलर और एसी आम बात हो गई हेै। सुविधाएं बढऩे से बिजली की खपत भी बढ़ गई है। नए कार्यालय भी खुल रहे हैं। स्कूल, कॉलेज भी नए खुल गए हैं। इन संस्थाओं को भी वातानुकूलित बनाया जा रहा है। इसके कारण भी बिजली की डिमांड बढ़ गई है।