अनोखा विरोध: जनसुनवाई में रिश्वत वाला सूटकेस लेकर पहुंचा रिटायर्ड फौजी
मंगलवार को जनसुनवाई में एक रिटायर्ड फौजी का अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। राजस्व विभाग और अधिकारियों से वह इतना परेशान हुआ कि घर का सारा कैश और पत्नी के गहरे सूटकेस में लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गया। सूटकेस का नाम रिश्वत वाला बजट रखा। यह देख सभी लोग हैरान थे। रिटायर्ड फौजी ने अधिकारियों के सामने एक पेशकश भी रखी कि जो उसकी जमीन दिलाएगा, वह सारा कैश ले जाए। काफी देर तक रिटायर्ड फौजी जिद पर अड़ा रहा। गेट पर ही बैठा रहा। बाद में तहसीलदार ने पहुंच कर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब रिटायर्ड फौजी माना।

त्योंथर अंतर्गत गांव की जमीन पर अवैध अतिक्रमण का लगाया आरोप
शिकायत के बाद भी जमीन अतिक्रमणमुक्त नहीं कराई जा रही थी
रीवा। कलेक्ट्रेट और तहसील कार्यालय में काम करवाने चक्कर काट रहे फौजी ने मंगलवार को अनोखा पदर्शान किया, जिसके बाद लोगों में तरह-तरह की चर्चाए व्यप्त रही। काम न होने से परेशान एक रिटायर्ड फौजी एक सूटकेश लिए थे, जिसमें लिखा था रिश्वत का बजट। कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों में बैठकर फौजी ने सूटकेश खोला जिससे कीमती आभूषण व पांच-पांच सौ के नोट भरे हुए थे। रिटायर्ड फौजी काम के बदले रिश्वत देने का खुला ऑफर दे रहा था, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी उसे देखकर कतराते नजर आए। पीडि़त रिटायर्ड फौजी का आरोप है कि उसकी खुद की जमीन पर सरहंगों ने कब्जा कर लिया और उसकी जमीन से रास्ता निकाल लिया। जमीन को खाली कराने के लिए उनके द्वारा त्योथर एसडीएम कार्यालय में कई बार आवेदन दिया लेकिन उसका काम नहीं हुआ। फरियादी योगेश कुमार तिवारी मलपार त्योथर ने बताया कि कई सालों से उसकी पुश्तैनी जमीन में स्थानीय सरहंगों ने कब्जा कर रखा है । इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायत कर कार्रवाई की मांग की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आरोप लगाया गया कि पैसे लेकर अधिकारी सरहंगों के पक्ष में कार्य कर रहे हैं, इसीलिए वह मंगलवार को अपने घर से सारे रुपए और जेवर लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा है। अटैची के ऊपर रिश्वत का बजट लिखकर और अटैची के अंदर रखे भारी मात्रा में रुपए और जेवर वह कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गया। पीडि़त ने आरोप लगाया कि बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता, ऐसे में वह अपना काम कराने के लिए रिश्वत के रूप में कैश और ज्वेलरी लेकर आया है। पीडि़त फौजी का यह अंदाज देखकर प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी उससे किनारा काटते नजर आए। बाद में पीडि़त शिकायत के निराकरण का आश्वासन दिया गया जिसके बाद मामला शांत हुआ।