रीवा शिक्षा विभाग का एक और घोटाला: डिप्टी सीएम के गांव की स्कूल में महिला शिक्षक को पदस्थ बता कर दी फर्जी अनुकंपा नियुक्ति

रीवा का स्कूल शिक्षा विभाग फर्जीवाड़ा और अनियमिता की पाठशाला बन गया है। यहां हर दिन नया फर्जीवाड़ा होता है ‌। इस बार तो अधिकारियों ने हदें पार कर दी। डिप्टी सीएम के गांव की स्कूल की आड़ में एक फर्जी अनुकंपा नियुक्ति कर डाली। इसमें सब के हाथ काले हुए हैं। पहले अधिकारियों ने दस्तावेज ओके किए। फिर नियुक्ति पत्र जारी किया फिर वेतन भुगतान के दौरान पोल खुली। इस मामले में अनुकंपा नियुक्ति शाखा प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच जारी है।

रीवा शिक्षा विभाग का एक और घोटाला: डिप्टी सीएम के गांव की स्कूल में महिला शिक्षक को पदस्थ बता कर दी फर्जी अनुकंपा नियुक्ति
File photo deo office
डी ई ओ ऑफिस में हुआ बड़ा खेल, लाखों रूपए के लेन देन की बात आ रही सामने 
 योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा हैं,लिंक अधिकारी, इन्होंने ही जांच कर सब ओके कहा था
मामला खुलते ही ,शुरू हुआ एक दूसरे को दोषी बताने का खेल,लीपापोती करने बैठाई जांच
रीवा। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में फिर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों से। अनुकंपा नियुक्ति देने में बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है।जिसमें लाखों रुपए के लेन देन की आशंका जताई जा रही है।मामला खुलते ही जिम्मेदारों ने एक दूसरे को दोषी बताने का खेल शुरू कर दिया है। मामले में एक को निपटाने के रस्म अदायगी के बाद पूरे मामले को दबाने जांच टीम बना दी गई है। अनुकम्पा नियुक्ति के लिंक अधिकारी,योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा को ही जांच अधिकारी बना दिया गया।जबकि उन्हीं के टीप और अनुमोदन के बाद डी ई ओ के हस्ताक्षर से अनुकम्पा नियुक्ति का आदेश जारी हुआ था। मामला प्रकाश में आने के बाद अनुकंपा नियुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया गया है। कलेक्टर ने मामले में एफआईआर के निर्देश दिए हैं। 
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यह है पूरा मामला 
नियुक्ति आदेश में कहा गया कि बेलाकली कोल शासकीय प्राथमिक शाला ढेरा में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ थी और सेवाकाल के दौरान 16 मई 2023 को उसका निधन हो गया।अनुकंपा नियुक्ति आदेश में कहा गया कि बेलाकली की मौत के बाद आश्रित सदस्य उसके पुत्र बृजेश कुमार कोल पिता शिवचरण कोल ग्राम पोस्ट परसिया तहसील त्योथर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जोड़ौरी विकासखंड गंगेव जिला रीवा में प्यून के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है।बृजेश कुमार कोल ने अपनी माता बेलाकली कोल की मृत्यु के उपरांत डी ई ओ कार्यालय की सांठगांठ से फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया।आवेदन मिलने के महज दस पंद्रह दिन में आनन फानन में बृजेश कोल को प्यून के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई।जबकि अनुकम्पा के पात्र आवेदक सालों चक्कर लगाने के बाद भी नियुक्ति नहीं पाते।अनुकम्पा नियुक्ति प्रभारी लिपिक रामप्रसन्न द्विवेदी ने नोटशीट बनाई और प्रभारी लिंक अधिकारी, योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने आनन फानन में टीप लगाकर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए पात्र बताकर अनुमोदन कर दिया।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा का खुलासा 
इसके बाद जिला कार्यालय के अधिकारियों के माध्यम से संकुल प्राचार्य पर वेतन आहरण का दबाव बनाया गया।जब संकुल प्राचार्य ने वेतन आहरण हेतु यूनिक आई डी जनरेट करने का प्रयास किया तब खुलासा हुआ कि विभाग में बेलाकली कोल ,जिसके मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई,उस नाम की कोई महिला कभी पदस्थ ही नहीं थी।जिस पर संकुल प्राचार्य ने वेतन भुगतान से इंकार कर दिया। तभी मामले का खुलासा हुआ। मामला बिगड़ते देख डी ई ओ ने आनन फानन में बृजेश कोल से स्तीफा लिखा लिया और तत्काल जांच समिति गठित कर दी।
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ढेरा स्कूल में बेलाकली को पदस्थ बताया गया
बृजेश कुमार कोल माता स्व० श्रीमती बेलाकली कोल ग्राम परसिया थाना जवा विकासखण्ड त्यौथर जिला रीवा द्वारा अपना अनुकम्पा नियुक्ति का प्रकरण प्राचार्य शास० उ०मा०वि० ढेरा से अग्रेषित कराकर दिनांक 27.02.2025 को डीईओ कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था। प्राप्त अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण अनुकम्पा नियुक्ति कक्ष प्रभारी रमाप्रसन्नधर द्विवेदी अन्वेषक द्वारा प्रकरण प्रस्तुत किया गया।  फलस्वरूप बृजेश कुमार कोल को कार्यालयीन आदेश क्रमांक/अनु.नि./ 2025/19 रीवा दिनांक 11.04.2025 को भृत्य पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर दी गई।
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अनुकंपा नियुक्ति आदेश निरस्त, रमा प्रसन्नधर निलंबित 
डीईओ ने अनुकंपा नियुक्ति के आदेश 11/04/25 को जारी किया था। गर्दन फंसी तो नया आदेश किये हैं। आदेश में कहा गया है कि संज्ञान में आया कि श्री कोल द्वारा फर्जी एवं कूटरचित दस्जावेजों के साथ अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त की गई है। इनके तथ्यों की विस्तृत जॉच हेतु 03 सदस्यीय जाँच दल का गठन किया जाकर जॉच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। प्राप्त जॉच प्रतिवेदन अनुसार रमाप्रसन्नधर द्विवेदी अन्वेषक को अपने कार्य के प्रति प्रथम दृष्टया सजग नहीं होने की पुष्टि करता है। संबंधीजन के पदीय दायित्यों के विपरीत उक्त कृत्य से विभाग की छवि धूमिल हुई है। जो मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के 1,2 एवं 3 के विपरीत होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। अतः मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) में वर्णित प्रावधानों के अन्तर्गत श्री रमाप्रसन्नधर द्विवेदी अन्वेषक कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रीवा जिला रीवा संलग्न कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रीवा जिला रीवा म०प्र० को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सिरमौर जिला रीवा नियत किया जाता है। संबंधीजन को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।