विधायक ने एसपी से रिश्वत में डिस्कांट कराने किया फोन फिर भी थाना प्रभारी नहीं माने और वसूल लिए 4 हजार

रीवा की पुलिस रिश्वतखोरी में इस कदर डूबी है कि अपने अधिकारी की भी बात नहीं सुनती। बिना रुपए कोई काम नहीं करती। एक गरीब आदिवासी परिवार को छोडऩे के बदले सगरा थाना प्रभारी 8 हजार मांग रहे थे। विधायक ने एसपी से सिफारिश की। इसके बाद भी थाना प्रभारी नहीं माने। चार हजार वसूल ही लिए। विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

विधायक ने एसपी से रिश्वत में डिस्कांट कराने किया फोन फिर भी थाना प्रभारी नहीं माने और वसूल लिए 4 हजार

सगरा थाना का मामला, ग्राम मुडिय़ारी के आदिवासी परिवार से मांगी थी राशि
एसपी से विधायक ने परिवार के गरीब होने का दिया था हवाला, सिर्फ 3 हजार रुपए तक देने की कही थी बात
रीवा। यह पूरा मामला सगरा थाना का बताया जा रहा है। विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि 1 मई 2024 को रात्रि 10.30 बजे उन्होंने पुलिस अधीक्षक रीवा को फोन कर निवेदन किया कि सगरा थाना अंतर्गत मुडिय़ारी के आदिवासी परिवार को चोरी के झूठे आरोप के नाम पर 8 हजार रुपए की मांग की जा रही है। थाना में उन्हें बैठा कर रखा गया है। परिवार गरीब है। 3 हजार रुपए में छोड़े जाने के लिए एसपी से विधायक ने निवेदन किया। एसपी ने आश्वासन भी दिया। इसके बाद भी आदिवासी परिवार से सगरा थाना में पदस्थ उप निरीक्षक बागरी ने 4 हजार रुपए की रिश्वत ले ली। इसके बाद ही उन्हें थाना से छोड़ा गया। ग्राम पंचायत सथनी निवासी सुरेश कोल एवं मोहित कोल से वसूली गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इस मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
और भी लगाए कई गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में विधायक सेमरिया अभय मिश्रा ने और भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिकायत में कहा है कि वर्तमान में रीवा जिला अंतर्गत अपराध बेलगाम हो गया है। कोरेक्स कारोबार को पुलिस का खुलेआम संरक्षण है। नशागत अपराध से पूरा जिला त्राहि-त्राहि कर रहा है। साथ ही वर्तमान सरकार में आदिवासियों को लक्ष्य कर पुलिस अत्याचार कर रही है। रीवा पुलिस अधीक्षक से सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के अंतर्गत पत्र क्रमांक 238 दिनांक 26 फरवरी 2024 के माध्यम से कई जानकारी चाही गई जो अभी तक नहीं मिली। रीवा जिला के सेमरिया थाना प्रभारी एवं नौबस्ता थाना प्रभारी के विरुद्ध पीएचक्यू भोपाल को गंभीर शिकायत पत्र भेजा गया था। इसके बाद भी आज तक उनके बयान दर्ज नहीं किए गए।