सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी फंड पर हाथ साफ, सीईओ ने पुलिस को लिखा पत्र, थाना प्रभारी ने लौटाया

पंचायत में भ्रष्टाचार का नया मामला आया है। भले ही सरकार महिलाओं को बराबरी का अधिकार दे रही है। चुनाव से लेकर नौकरी तक में आरक्षण दे रही है लेकिन यह गांव के दबंगों को बर्दाश्त नहीं हो रहा। एक महिला सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर गांव के दबंगों ने योजनाओं का लाखों रुपए आहरित कर लिया। जब सरपंच को पता चला कि तो वह सीईओ के पास शिकायत लेकर पहुंची। सीईओ ने पुलिस को प्रकरण दर्ज करने पत्र लिखा। थाना प्रभारी ने कवरिंग लेटर के साथ पत्र लौटा दिया। जांच कराने में असमर्थता जता दी।

गोविंदगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत सहिजना नंबर 1 का है पूरा मामला

महिला सरपंच न्याय की आस में इधर उधर भटक रही कोई सुनने को नहीं तैयार

रीवा। आपको बता दें कि पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है। पंचायतों में सरकार लाखों करोड़ों का बजट दे रही है लेकिन सब मिलबांट कर डकार ले रहे हैं। गांव के विकास पर एक धेला खर्च नहीं हो रहा है। अब सहिजना नंबर 1 का एक अलग ही मामला सामने आया है। यहां महिला सरपंच को पता ही नहीं चला और सचिव ने किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर लाखों का खेल कर दिया। महिला सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर योजनाओं के नाम पर राशि आहरित कर ली। कई सालों से आहरण होता रहा। जब मामला प्रकाश में आया तो महिला सरपंच ने सीईओ से शिकायत की। सीईओ ने थाना को प्रकरण दर्ज करने के लिए पत्र लिखा लेकिन पुलिस ने हाथ खड़े कर दिए। पत्र वापस लौटाकर जांच प्रतिवेदन के साथ आवेदन मांग लिया है।

 यह धोखाधड़ी ग्राम पंचायत सहिजना नंबर 1 जनपद पंचायत रीवा की महिला सरपंच सुधा मिश्रा निवासी ग्राम पतेरी के साथ हुआ हैं। उन्होंने एक शिकायत जुलाई में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा और अनुविभागीय अधिकारी रीवा से की थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में उनका फजीज़् हस्ताक्षर कर पंचायत के रिकार्ड बिल बाउचर, राशि आहरण एवं सब राशि का आदान प्रदान जन्मेजय पिता रमागोविंद ने किया। जन्मेजय मिश्रा का मोबाइल नंबर 7049945831, 7566853315 सरपंच के नाम से दर्ज कराया गया है। राशि से जुड़े मैसेज इन्हीं नंबरों पर पहुंचता है। इसके कारण पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी सरपंच को हुई ही नहीं। महिला सरपंच ने शिकायत कर बताया कि उन्होंने किसी भी रिकार्ड में हस्ताक्षर नहीं किया। साथ ही उन्होंने रिकार्ड में दर्ज नंबरों को विलोपित कर उनका नंबर दजज़् करने की मांग की है। सीईओ से अब तक किए गए राशि आहरण और फर्जी हस्ताक्षर कर कराए गए कार्यों की जांच कराने और आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने की मांग की। शिकायत करने के बाद सीईओ ने मामले की जांच कराने की जगह पल्ला ऌााडऩे की कोशिश की। महिला सरपंच को एक पत्र थाना प्रभारी गोविंदगढ़ के नाम से पकड़ा दिया गया। अब महिला सरंपच पुलिस थाना में मामला दजज़् कराने के लिए चक्कर काट रही है। सीईओ ने मामले की जांच नहीं कराई। पुलिस भी जांच रिपोर्ट और प्रतिवेदन के बिना प्रकरण दर्ज  करने से हाथ खड़ा कर रही है। सीईओ के पत्र को भी कवरिंग लेटर के साथ वापस लौटा दिया गया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया गया है कि पुलिस इस मामले की जांच नहीं करेगी। जांच विभाग कराए फिर प्रतिवेदन पर कार्रवाई की जाएगी। 

कई सालों से होता रहा खेल, लाखों रुपए आहरित कर लिए

महिला सरपंच ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि सालों से सरपंच के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर सचिव व अन्य दबंग मिलकर राशि का आहरण करते रहे। नरेगा का नदी तालाब का काम कराए बिना ही ही करीब 1 लाख 20 हजार रुपए, नरेगा की मजदूरी करीब 6 लाख रपुए आहरित कर लिया गया। सहिजना नंबर 1 में करीब 30 लाख तक के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। यह सारा फर्जीवाड़ा फर्जी सिग्नेचर से किया गया है। इतना ही नहीं जिन्होंने फजीवज़ड़ा किया है। उन्होंने मनरेगा की राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में भी मजदूर दिखाकर की है। ऐसा आरोप लगाया गया है। अब जांच के बाद ही सच सामने आएगा।