नशीली सिरफ की बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, दौड़ा दौड़ा कर पीटा
एनएसयूआई कार्यकर्ता नशीली सिरप की खाली शीशियां लेकर एसपी कार्यालय प्रदर्शन करने पहुंचे थे। चार पॉलीथिन में भर कर शीशियां लगाए थे। उन्हें परिसर में ही रख कर नारेबाजी कर रहे थे। तभी सीएसपी दलबल के साथ आए और लाठियों से पीटना शुरू कर दिए। लाठियां पड़ते ही एनएसयूआई कार्यकर्ता दौड़ लगा दिए। कुछ देन में ही परिसर खाली हो गया।

एनएसयूआई कार्यकर्ता नशीली सिरप की बिक्री पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे, इसी से आक्रोशित हुई पुलिस
रीवा। गुरुवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता चार बोरियों में नशीली सिरप की खाली शीशियां भर कर एसपी कार्यालय पहुंच गए। एसपी कार्यालय के सामने ही सभी बोरियों को रख दिए। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जब पुलिस हर दिन कार्रवाई कर रही है तो रीवा शहर में यह नशीली सिरप आ कहां से रही है।
एसपी कार्यालय में ही कार्यकर्ताओं ने लगाए पुलिस मुर्दाबाद के नारे
रीवा। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सभी थाना क्षेत्रों से इन शीशियां को एकत्र किया और फिर पुलिस के दावों की पोल खोलने एसपी कार्यालय पहुंच गए। हाथों में नशीली सिरप की खाली शीशियों को बोरियों में लेकर पहुंचे। पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। सुरक्षा के हिलाज से एसपी कार्यालय में पुलिस बल तैनात किया गया था। एसपी कार्यालय पहुंच कर कार्यकर्ताओं ने धरना दे दिया। एसपी कार्यालय परिसर में नशीली सिरप की बोतलों के साथ एनएसयूआई कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। नशे के अवैध कारोबार को बंद करने की मांग की गई। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि हर थाना की बोली लग रही है। ऊंची बोली लगाई जा रही है। जब कोई थाना प्रभारी रुपए देकर आएगा तो कहां से कमाएगा। इसी अवैध कारोबार को थाना क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाता है। इसी से अतिरिक्त कमाई की जा रही है। अवैध नशा के कारण वारदातें बढ़ रही है। एक दिन में ही तीन दिन चैन स्नेचिंग की वारदातें हो रही है।
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर बरसी लाठियां
एनएसयूआई के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। मौके पर पुलिसकर्मी खड़े थे। कुछ देर तक तो सब ठीक रहा। इसके बाद सीएसपी राजीव पाठक मौके पर पहुंचे। उन्होंने आव देखा न ताव, सीधे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया। उन्हें सम्हलने का भी मौका नहीं दिया। लाठियां बरसानी शुरू कर दी। हालांकि कुछ लाठियां पड़ते ही वहां भगदड़ मच गई। सभी कार्यकर्ता जान बचाकर भाग खड़े हुए। नशीली सिरप का विरोध करना उन्हें भारी भड़ गया। पुलिस ने उन्हें दूर तक खदेड़ा। फिर वह नजर नहीं आए।
आखिर क्यों तिलमिलाई पुलिस
अब सवाल उठता है कि एनएसयूआई का प्रदर्शन पुलिस को क्यों चुभ गया। युवा नशीली सिरप को लेकर सवाल ही तो खड़े कर रहे थे। उनका भी कहना सही है कि जब पुलिस वाहवाही लूट रही है। हर दिन कार्रवाई हो रही है तो आखिर यह शीशियां कहां से आ रही है। नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में पाइव स्टार में लिया है। खाली शीशियां तो नगर निगम ने छोड़ी नहीं होंगी। अब ऐसे में इतनी शीशियां दो ही थाना क्षेत्रों में एनएसयूआई कार्यकर्ता बटोर लाए तो पूरे शहर का अंदाजा लगाया जा सकता है। नशीली सिरप का नाम बस लेने पर युवाओं को लाठियां से पीटा डाला गया। अब ऐसे में कोई गलत चीज का विरोध करने से भी डरेगा। शायद पुलिस की मंशा भी यही है।