शराब ठेका की मच गई लूट फिर भी लग गया 39 करोड़ का घाटा, जानिए कौन हैं इसके जिम्मेदार और कितना आया राजस्व

रीवा और मऊगंज शराब दुकानों की नीलामी से सरकार को 39 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है । अंतिम दिन 30% बिलो में टेंडर डालने की आबकारी विभाग ने छूट दे दी थी। इसके कारण शराब दुकान लेने वाले ठेकेदारों की लाइन लग गई । 12 शराब समूहों के लिए 65 ठेकेदारों ने निविदा फार्म डाले। हालांकि इनमें से उन्हें ही दुकान अलाट हुई जिन्होंने सबसे अधिक बोली टेंडर फॉर्म में लगाई थी। सरकार को इस बार शराब दुकानों से 385 करोड़ के राजस्व की उम्मीद थी लेकिन सिर्फ 346 करोड़ में ही मामला पहुंचकर अटक गया। जिला के अधिकारियों की लापरवाही इसमें सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।

शराब ठेका की मच गई लूट फिर भी लग गया 39 करोड़ का घाटा, जानिए कौन हैं इसके जिम्मेदार और कितना आया राजस्व
File photo

अंतिम दिन 12 समूह के लिए आए 65 निविदा फार्म

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 385 करोड़  तय था वार्षिक मूल्य

सभी समूहों के टेंडर के बाद आए सिर्फ 346 करोड़

रीवा। सरकार ने 30 फीसदी बिलों में शराब दुकानों के लिए टेंडर फॉर्म क्या मांगा ठेकेदारों की लाइन लग गई। सिर्फ 12 शराब समूह के लिए ही अंतिम दिन 65 निविदा फार्म पड़े। इनमें से अधिक बोली लगाने वालों को ही शराब समूह आवंटित कर दी गई हैं। इस साल शासन को शराब दुकानों से बड़े आय की उम्मीद थी लेकिन झटका लग गया। करीब 39 करोड़ में घाटे का सौदा करना पड़ा। सभी 27 शराब समूह 346 करोड़ में ही फाइनल हो गईं। 

ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शासन ने वर्तमान वार्षिक मूल्य में 15 फीसदी वृद्धि करने का निर्णय लिया था। बड़े हुए वार्षिक मूल्य के आधार पर ही आबकारी विभाग ने पहले ठेकेदारों से नवीनीकरण का ऑफर उनके सामने रखा था। इसके बाद लॉटरी बुलाई गई थी, लेकिन नवीनीकरण और लॉटरी में ठेकेदार सामने ही नहीं आए थे । इसके बाद ई टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। ई टेंडर प्रक्रिया में भी एक साथ शराब दुकानें नहीं उठीं । शुरुआती दौर में सर्वाधिक एक साथ सात शराब दुकानों का ही टेंडर हुआ था । इसके बाद इक्का-दुक्का ही शराब समूह उठती रही । सभी शासन से छूट मिलने की आस लगाए बैठे थे । इसके बाद आचार संहिता लागू होने पर टेंडर प्रक्रिया पर ही रोक लग गई। आबकारी विभाग ने निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा। जब अनुमति मिली तो फिर से टेंडर प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई। समय कम होने के कारण हर दिन टेंडर बुलाया गया। 27 मार्च से लगातार टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी ।अंतिम दिन 31 मार्च को 12 शराब समूह शेष रह गए थे । इसके लिए निविदा बुलाई गई थी। आबकारी विभाग ने सभी शराब समूह का टेंडर फाइनल करने के लिए ठेकेदारों के सामने बम्पर छूट का ऑफर रख दिया । करीब 30 परसेंट तक बिलों में टेंडर स्वीकार करने की अनुमति दे दी गई । यही वजह है की अंतिम दिन रविवार को 12 शराब समूह के लिए सबसे अधिक 65 टेंडर फॉर्म पड़े। इसमें भी अधिक दर भरने वाले को ही शराब समूह आवंटित कर दी गई है । 31 मार्च को हुई निविदा के बाद रीवा और मऊगंज जिले की सभी 27 समूह का टेंडर फाइनल हो चुका है। सभी समूहों के लिए ठेकेदार भी मिल गए हैं । अब नये वित्तीय वर्ष से यही शराब ठेकेदार दुकानों का संचालन करेंगे। 

385 करोड़ तय किया गया था वार्षिक मूल्य

रीवा और मऊगंज की 27 शराब समूहों के लिए आबकारी विभाग ने इस बार वार्षिक मूल में 15% की वृद्धि की गई की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24में रीवा जिला मऊगंज का वार्षिक मूल्य 335 करोड़ था वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 15 फ़ीसदी का इजाफा करने पर वार्षिक मूल 385 करोड़ पहुंच गया था। शासन को उम्मीद थी कि शराब दुकानों की नीलामी से विभाग को 400 करोड़ के ऊपर का राजस्व मिलेगा हालांकि ऐसा नहीं हो पाया । 27 शराब समूहों के ई निविदा से सिर्फ यह आंकड़ा 346 करोड़ पर ही जाकर अटक गया। वित्तीय वर्ष 2023-240की तुलना में शासन को सिर्फ 10 करोड़ प्लस का फायदा हुआ है। 

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दुकानों पर उमड़ी शराब प्रेमियों की भीड़

रविवार को वित्तीय वर्ष खत्म होने का अंतिम दिन था। 1 अप्रैल से सभी दुकानों के ठेके बदल जाएंगे। यही वजह रही कि शराब दुकानों के ठेकेदारों ने स्टॉक खत्म करने के लिए बंपर ऑफर निकाल दिया था। जिसका फायदा लेने के लिए शराब प्रेमी शराब दुकानों पर टूट पड़े थे । सुबह से ही यहां पर शराब खरीदने वालों की भारी भीड़ लगी रही। कई जगहों पर हालत तो यह थे की सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बन गई थी।

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अंतिम दिन यह शराब समूह हुए फाइनल

शराब समूह           राशि             ठेकेदार 

पीटीएस              232100000 मयंक सिंह 

झिरिया               175302402 आरडी ट्रेडर्स

 अमहिया            141414145 जेपी वेंचर्स

गोविंदगढ़             101566666 अमन सिंह 

 चाकघाट.            45390990 नाथूराम 

 हनुमाना               116800111 सृजन मेगावेंचर 

 डभौरा                 53688888 निलेश राय

मनिकवार              63200000 विनीत singh

त्योंथर                   29563000 राज वाइन

सिरमौर.                111301008 सतीश शुक्ला

गुढ़                        94799999 लक्ष्मी जायसवाल

 छिजवार                87399999 प्रेम चंद जैसवाल