आनंद विहार रोक नहीं पाए थे, रात में स्टेशन पहुंच गए थे 15 किसान, जानिए फिर क्या हुआ

रेल रोको आंदोलन की पिक्चर सिर्फ कलेक्ट्रेट के गेट पर ही खत्म नहीं हुई थी। आंदोलनकारियों का इंतजार पुलिस और प्रशासन ने रात 8 बजे तक किया। अंत में 15 आंदोलनकारी फंस गए। इन्हें चोरहटा थाना ले जाया गया। जहां धारा 151 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

आनंद विहार रोक नहीं पाए थे, रात में स्टेशन पहुंच गए थे 15 किसान, जानिए फिर क्या हुआ
rewa railway station

रीवा।  ज्ञात हो कि रेल मंडल में कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें जमीन के बदले नौकरी नहीं यिदा जा रहा है। सीधी, रीवा, पन्ना, रामनगर आदि में किसान आंदोलन कर रहे हैं। जमीन के बदले नौकरी की मांग की जा रही है। नौकरी न दिए जाने के कारण 10 जुलाई को किसान संगठन ने रेल रोका आंदोलन का एलान किया था। कई जिलों से किसान रीवा में एकत्र भी हुए थे। हालांकि आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने पहरा बढ़ा दिया था। जगह जगह पुलिस तैनात थी। रेलवे स्टेशन के डेढ़ किमी की परिधि में धारा 144 लगा दी गई थी। पुलिस की सख्ती के आगे किसान का आंदोलर सफल नहीं हो पाया। उन्हें प्रशासन के सामने घुटने टेकने पड़ गए। रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेने आए किसानों ने विवेकानंद पार्क में धरना दिया। यहां से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और फिर ज्ञापन देकर सब खत्म कर दिया था। फिर हल्ला मचा कि रात में रेवांचल एक्सप्रेस को रोका जाएगा। इसी अफवाह में 15 किसान पुलिस के हत्थे चढ़ गए और थाना पहुंच गए। पुलिस ने समूह में स्टेशन पहुंचने पर धारा 151 के तहत कार्रवाई कर दी।
रेल नहीं रुकी तो मैहर घूमने की प्लानिंग थी
रेल रोको आंदोलन में कई जिलों से किसान आए थे। इसमें अधिकांश युवा थे। ललितपुर सिंगरौली रेलवे लाइन में जिनकी जमीनें फंसी थी। वह सभी आंदोलन का हिस्सा थे। ज्ञापन सौंपने के बाद आसपास के किसान तो लौट गए। जिनके पास वाहन था वह भी चले गए। लेकिन करीब 15 किसान रीवा में ही रुक गए थे। उन्होंने रीवा से मैहर जाने की प्लानिंग की हुई थी। सभी एक साथ भीड़ में ही स्टेशन पहुंच गए। रेवांचल एक्सप्रेस का समय हो रहा था। इन्हें देखकर पुलिस को अफवाह सच लगी और उन्हें पकड़ लिया गया। थाना लेजाकर कार्रवाई कर दी गई।
देर रात छोड़ा गया लेकिन नौकरी मिलना मुश्किल
पकड़े गए 15 लोगों में अधिकांश युवा थे। इनमें से एक बुजुर्ग भी था। सभी नौकरी पाने की लड़ाई लडऩे रीवा आए थे। उन्हें नौकरी तो  नहीं मिली लेकिन पुलिस थाना में धारा 151 के तहत नया प्रकरण जरूर मिल गया है। अब नौकरी मिलने के भी आसार होंगे तो धारा 151 रोड़ा डालेगा। पकड़े गए आंदोलनकारियों को मिला तो कुछ  नहीं लेकिन नौकरी की संभावनाओं पर भी पानी फिर गया।