ठगे गए ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडर, सीई ने दे दिया झांसा, विजलेंस में आउटसोर्स के पद ही नहीं

नौकरी से बाहर किए गए ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडर फिर ठगे गए। आमरण अनशन तुड़वाने के लिए सीई ने फिर झूठा वायदा कर दिया। विजलेंस में मीटर रीडरों के लिए कोई पद ही नहीं है। मीटर रीडरों को हटाने के बाद जो पद खाली हुए थे। उस पर रिश्तेदारों को रख दिया गया। रिश्तेदारो और चहेतों के आने के बाद भी फोटो मीटर रीडिंग में कोई सुधार नहीं हुआ है।

ठगे गए ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडर, सीई ने दे दिया झांसा, विजलेंस में आउटसोर्स के पद ही नहीं
file photo

56 मीटर रीडरों को ब्लैक लिस्टेड कर निकाल दिया गया था
इनकी जगह पर रुपए लेकर की गई थी रिश्तेदारों और चिरपरिचितों की नियुक्ति
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा जिला के करीब 56 मीटर रीडरों को ब्लैक लिस्टेड कर नौकरी से बाहर कर दिया गया था। नौकरी से बाहर किए गए मीटर रीडरों ने कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया था। अनशन ने अधिकारियों की नींद उड़ाई ने मुख्य अभियंता ने फिर मीटर रीडरों को झूठा आश्वासन दे दिए। अधीक्षण अभियंता और कार्यपालन अभियंता शहर संभाग को को मुख्य अभियंता का पत्र लेकर मौके पर भेजा। दोनों अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे। दोबारा सभी बाहर किए गए ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों को नौकरी पर रखने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद ही उनका धरना समाप्त हुआ। अब इस मामले में नई कहानी सामने आ रही है। जिन मीटर रीडरों को दोबारा नौकरी पर रखने का आश्वासन दिया गया था। अब आश्वासन का सारा सच सामने आने लगा है। विजलेंस में मीटर रीडरों के लिए  आउटसोर्स जैसा कोई पद ही नहीं है। मीटर रीडरों को बाहर करने के बाद जो पद खाली हुए थे। उनमें नई भर्तियां कर दी गई। इसें तेजी से काम हुआ। सीई से लेकर डीई, एई तक ने चिरपरिचितों और रिश्तेदारों को नौकरी बांटी। अब वह बद खत्म हो गया है लेकिन ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों के हड़ताल ने अधिकारियों की परेशानी खड़ी कर दी है। यही वजह है कि मुख्य अभियंता ने हड़ताल खत्म कराने विजलेंस में नौकरी देने का वायदा कर दिया लेकिन असल काम और भुगतान की प्रक्रिया से अनजान रखा।
ेसीई ने यह किया था वायदा
विजलेंस टीम में काम करेंगे बाहर किए गए मीटर रीडर सभी ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों को विजलेंस विभाग में रखा जाएगा। यह विजलेंस टीम का हिस्सा होंगे। मुख्य अभियंता ने अधीक्षण अभियंता को इसके लिए पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि वाह्य स्रोत कर्मियों जिन्हें ब्लैक लिस्टेड किया गया है। उनका नाम, इन्सेंटिव स्कीम में शामिल किया जाना है। ऐसे वाह्य स्रोत कार्मिक जिन्हें किसी कारण से ब्लैक लिस्टैड किया गया है। उनकी सूची तैयार कर मुख्य अभियंता पूर्व क्षेत्र रीवा को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए गए हैं।
उर्जा मित्र के रूप में रखा जाएगा, कमीशन पर करेंगे काम
ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों को फिर धोखा दे दिया गया है। मीटर रीडरों को विजलेंस में किस पद पर रखेंगे उसकी जानकारी ही सही तरीके से नहीं दी गई। वेतन आदि के बारे में नहीं बताया गया। सिर्फ नौकरी पर रखने का आश्वासन पाकर अनशन खत्म कर दिया गया। अब यह बात सामने आ रही है कि इन्हें आउटसोर्स और नियमित वेतन पर नहीं रखा जाएगा। यह ऊर्जा मित्र के रूप में विजलेंस विभाग में काम करेंगे। क्षेत्र में बिजली चोरी पकड़वाने का काम करेंगे। यदि बिजली  चोरी मिली और उपभोक्ता ने राशि जमा की तो उसका कुछ हिस्सा कमीशन के रूप में इन्हें दिया जाएगा।
कई गंभीर आरोप लगाए हैं
बाहर किए गए ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों ने अनशन के दौरान कई गंभीर आरोप लगाए थे। शपथ पत्र भी दिया था। शपथ पत्र में उनकी नियुक्ति के लिए अवैध वसूली की भी बात कही गई। शपथ पत्र में प्रोग्रामर अमित सिंह पर हजारों रुपए की वसूली किए जाने का दावा किया गया। अब ऐसे में इस मामले में भी जांच और कार्रवाई की जरूरत है। आउटसोर्स कर्मचारियों ने शपथ पत्र में कहा था कि प्रोग्रामर पद पर पदस्थ अमित सिंह ने रुपयों की डिमांड की थी। उनके फोन पे और नगद राशि का भुगतान आउटसोर्स कर्मचारी ने किया था। इसमें प्रोग्रामर के साथ ही अन्य अधिकारियों के शामिल होने की भी बात कही गई थी। इन गंभीर आरोपों के बाद भी मामले में जांच नहीं कराई गई।