आउटसोर्स कर्मचारियों ने भरी हुंकार, सरकार से लेकर रहेंगे हक, जून में बड़े सम्मेलन की तैयारी

सोमवार को विवेकानंद पार्क में आउटसोर्स कर्मचारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियोंं ने हुंकार भरी। जून के बाद रीवा में बड़े सम्मेलन की रणनीति तैयार की। संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा भी इस बैठक में शामिल हुए। जिला अध्यक्ष विपिन पाण्डेय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जून के बाद आचार संहिता खत्म होने के बाद सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

आउटसोर्स कर्मचारियों ने भरी हुंकार, सरकार से लेकर रहेंगे हक, जून में बड़े सम्मेलन की तैयारी

विवेकानंद पार्क में आयोजित की गई बैठक
जून के बाद सम्मेलन करेंगे, डिप्टी सीएम को बुलाया जाएगा
रीवा। विवेकानंद पार्क में हुई ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई। अध्यक्ष विपिन पांडे की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें सभी विभागों के बड़ी संख्या में आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी शामिल हुए। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि आचार संहिता हटने के बाद जून महीने में चिकित्सा शिक्षा स्वास्थ्य मंत्री , उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के मुख्य आतिथ्य में रीवा में आउटसोर्स सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रदेश भर के चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी शामिल होंगे। बैठक में राजेश द्विवेदी (राजा भैया) ने पीडि़त कर्मचारियों का मार्ग दर्शन करते हुए हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। बैठक में शिवेंद्र पांडे, सौरभ त्रिपाठी, राहुल सौंधिया, अभिषेक समुद्रे, रविकांत पांडे, अमन मात्रे, दीपक समुद्रे, जयप्रकाश चतुर्वेदी, राम बाई, राधा सहित सैकडों की संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।

 बैठक को प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने संबोधित करते हुए संगठन को मजबूत करने एवं मिलकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। शर्मा ने जानकारी दी कि संगठन की ओर से भोपाल में श्रममंत्री प्रहलाद पटेल एवं शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप की उपस्थिति में प्रदेश स्तरीय आउटसोर्स महासम्मेलन किया जाएगा। भोपाल कार्यक्रम से पहले रीवा में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला की उपस्थिति में कार्यक्रम किया जाएगा।  इन दोनों ही कार्यक्रमों में एक लाख आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, पंचायत कर्मियों को बुलाने की तैयारी है। जिसकी तैयारी बैठकें चल रही हैं। शहडोल, मंडला, रीवा, बालाघाट, छिंदवाड़ा में बैठकें हो चुकी है, बाकी जिलों में आने वाले दिनों में बैठकें होंगी। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार के विभागों को कंपनियां चला रही हैं ,कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन तक नहीं देती। ग्राम पंचायत कर्मियों व अंशकालीन कर्मचारियों से तो सरकार ही मुफ्त में काम करा रही है। जिन्हें 1500 से 5000 रूपए ही मानदेय दिया जाता है । वह भी 4-5 महीने में मिलता है। शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के साथ मप्र में जैसा अन्याय हो रहा है वैसा अन्याय अंग्रेजी राज में हुआ करता था। बैठक में बोलते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा कि मप्र में सबसे अधिक अन्याय सरकारी विभागों में काम करने वाले छोटे कर्मचारियों के साथ हो रहा है। यह वह कर्मचारी हैं जो तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर काम करते हैं। जिनकी संख्या 10 लाख से अधिक है। आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा इन पीडि़त कर्मचारियों के साथ न्याय कराने का संघर्ष कर रहा है।
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