रीवा और मऊगंज को पतंजलि ने दी नई उम्मीद, 432 एकड़ की कराई रजिस्ट्री, 1 हजार करेगा इन्वेस्टमेंट
रीवा और मऊगंज के किसानों को नई उम्मीद की किरण नजर आई है। अक्टूबर में पतंजलि के संचालक सचिव ने वायदा किया था। 6 महीने बाद वह वापस लौटे और अपना वायदा पूरा किया। मऊगंज के घुरेहटा में 432 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री कराई है। जल्द ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने काम भी शुरू कर दिया जाएगा।

डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला से भी आचार्य बालकृष्ण ने की मुलाकात
500 करोड़ से करेंगे शुरुआत फिर 1 हजार तक जाएंगे
किसानों की फसल सीधे खरीदेंगे, फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएंगे
रीवा। इंतजार खत्म हो गया है। उद्योगों विहीन जिला का कलंक भी हटने वाला है। पतंजलि ग्रुप ने रीजनल इंडस्ट्रियल कान्क्लेव में वायदा किया था। इस वायदे को पूरा करने गुरुवार को पंतजलि के संस्थापक रीवा पहुंचे। शुक्रवार को मऊगंज के घुरेहटा में 432 एकड़ भूमि की लीज डीड करा ली गई है। पंतजलि ग्रुप के संस्थापक बालकृष्ण खुद मौके पर पहुंचे। क्षेत्र का अवलोकन किए। कलेक्टर को जल्द से जल्द सीमांकन कर भूमि निर्धारित करने के लिए कहा है। सीमांकन के बाद काम शुरू हो जाएगा।
आपको बता दें कि अक्टूबर महीने में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कानक्लेव का आयोजन किया गया था। इसमें पतंजलि ग्रुप के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण भी शामिल हुए थे। उन्होंने विंध्य में इन्वेस्टमेंट का वायदा किया था। करीब 1 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट करने का एमओयू किया था। लंबे इंतजार के बाद अब गुरुवार को आचार्य बालकृष्ण रीवा वापस लौटे। वह अपने अधिकारियेां और दिल्ली के अधिकारियेां के साथ पहुंचे थे। उन्होंने रीवा पहुंचने के बाद मऊगंज जिला के औद्योगिक क्षेत्र घुरेहटा की करीब 175 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री कराई। इसके बाद खुद टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र का निरीक्षण किया। कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार मौजूद रहे। उन्होंने सीमांकन कराकर भूमि को चिन्हांकित करने के लिए कहा। कलेक्टर ने एक सप्ताह में सीमांकन और भूमि चिन्हित करने का वायदा किया। इसके बाद आचार्य बालकृष्ण वापस लौट गए है। सीमांकन के बाद घुरेहटा में काम शुरू हो जाएगा।
रात 12 बजे तक खुला रहा पंजीयन कार्यालय
घुरेहटा की औद्योगिक जमीन की रजिस्ट्री के लिए पंजीयन विभाग को विशेष रूप से खोले रखा गया। कार्यालय का समय समाप्त होने के बाद भी सिर्फ पतंजलि ग्रुप के लिए रात 12 बजे तक कार्यालय खुला रखा गया। रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुक नहीं हो रहा था। आधारकार्ड में दिक्कतों के कारण स्लॉट बुक नहीं हुआ। इसके कारण रजिस्ट्री भी नहीं हुई। दूसरे दिन शुक्रवार की सुबह 9 बजे कार्यालय खुला। स्लॉट बुक होने के बाद रजिस्ट्री की कार्रवाई पूरी की गई। इस दौरान पतंजलि ग्रुप के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद रहे।
डिप्टी सीएम से मिले आचार्य बालकृष्ण
प मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि हाल ही में रीवा में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री के माध्यम से विंध्य क्षेत्र में निवेश के नए और अपार अवसर खुले हैं। जो विंध्य के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। पतंजलि समूह जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी से इस क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति की मजबूत आधारशिला रखी जा सकती है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल से अमहिया, रीवा स्थित निज निवास पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सचिव आचार्य बालकृष्ण ने सौजन्य भेंट की।
1 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट करेगा पतंजलि
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जैसे हम हरित क्रांति ला रहे हैं, अब विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि रीवा क्षेत्र में नेचुरल रिसोर्स के आधार पर सीमेंट प्लांट तो आ ही रहे हैं, लेकिन अगर पतंजलि ग्रुप का फूड प्लांट यहां आ जाता है तो यह 1000 करोड़ रुपये के निवेश का मार्ग खोलेगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब फूड प्लांट लगते हैं तो किसानों की समृद्धि बढ़ती है, क्योंकि उन्हें पता चलता है कि कौन सी फसल उगाई जाए जिससे उन्हें सीधा आर्थिक लाभ हो। पतंजलि देश में फूड क्रांति के क्षेत्र में सबसे बड़ा समूह है।
वर्ष 15 साल से प्रयासरत रहे डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से उनकी चर्चा 2011-12 में ही हुई थी। तब बाबा रामदेव ने कहा था कि पहले वे नागपुर और इंदौर में प्लांट लगाएंगे, फिर अन्य जगहों पर विचार करेंगे। शुक्ल ने कहा कि इसके बाद मैं लगातार इंतजार करता रहा। रीवा में जब रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुआ, उससे पहले मैं हरिद्वार जाकर बाबा रामदेव से मिला। मैंने पूछा कि नागपुर का क्या हुआ, उन्होंने कहा-हो गया। फिर मैंने पूछा इंदौर का क्या हुआ, उन्होंने कहा-हो गया। तब मैंने आग्रह किया,अब रीवा चलिए। हमने कहा कि 400 एकड़ जमीन मऊगंज के पास पतंजलि के लिए रिजर्व कर रखी है। यह जमीन पिछले 15 सालों से किसी को नहीं दी गई थी, हम सिर्फ पतंजलि का इंतजार कर रहे थे।
25 करोड़ रुपए जमा कर जमीन की कराई रजिस्ट्री
पतंजलि ने 25 करोड़ रुपये जमा कर जमीन की रजिस्ट्री भी करवा ली है, जिससे स्पष्ट है कि अब उनकी रुचि रीवा में है। बालकृष्ण जी स्वत: साइट देखने भी गए। उप मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस फूड प्लांट से धरती से दौलत पैदा होगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा, पतंजलि ग्रुप का रीवा में निवेश आना एक सुखद संकेत है।
किसान कच्चा माल उगाएंगे, हम उनसे ही खरीदेंगे : आचार्य बालकृष्ण
इस अवसर पर पतंजलि संस्थान के संस्थापक, सचिव, आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि रीवा में संभावनाएं भी हैं और भावनाएं भी। उप मुख्यमंत्री इस क्षेत्र के विकास और रोजगार के लिए प्रतिबद्ध हैं, और पतंजलि इस दिशा में एक नई योजना बनाएगा। पहला चरण पूरा हो चुका है, रजिस्ट्री का कार्य हो गया है। हमने दुनिया के लिए एक व्यापक और वृहद रूपरेखा तैयार की है। हमें विश्वास है कि विकास की गंगा के साथ-साथ किसानों के जीवन में भी समृद्धि आएगी। हम यहां एक रो आधारित प्रोडक्ट बनाएंगे,कल्टीवेशन वगैरह भी करेंगे। जो उत्पाद हम बनाएंगे, उनका कच्चा माल किसान उगाएंगे और हम उनसे ही खरीदेंगे। इसे हम इंडस्ट्रियल फूड पार्क के रूप में विकसित करेंगे। हम प्रयास करेंगे कि और भी उद्योग जगत के लोग और संस्थाएं यहां आएं और निवेश करें। एग्रीकल्चर फील्ड में ज्यादा रोजगार मिलता है, सिर्फ फैक्ट्री में काम करने से रोजगार नहीं बढ़ता। इस पहल से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने घोषणा की थी कि शुरुआत 500 करोड़ से करेंगे, लेकिन यह निवेश 1000 करोड़ तक जाएगा। यहां स्किल डेवलपमेंट और एजुकेशन के क्षेत्र में भी काम करेंगे।