साहब मैं जिंदा हूं...2018 में जिसका डेथ सर्टिफिकेट जारी हुआ, वह आवेदन लेकर पहुंचा कलेक्ट्रेट

रीवा में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। पंचायत के अधिकारी और पंच, सरपंचों ने अत्येष्टि के रूप में मिलने वाले 5 हजार की राशि का बंदरबांट करने गांव के एक व्यक्ति को ही मार दिया। उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। उसके नाम से मिलने वाली राशि आहरित कर ली। जब पीडि़त व्यक्ति ने जानकारी जुटाई तो खुद का डेथ सर्टिफिकेट देखकर चौंक गया। अब अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। खुद को जिंदा बता रहा। मंगलवार को कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में भी पहुंचा। फिलहाल न्याय नहीं मिल पाया है।

साहब मैं जिंदा हूं...2018 में जिसका डेथ सर्टिफिकेट जारी हुआ, वह आवेदन लेकर पहुंचा कलेक्ट्रेट

जनपद पंचायत गंगेव अंतर्गत धुधकी गांव का मामला
रीवा। रीवा में भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी गई। अंतेष्टि की राशि का बंदरबांट करने एक जीवित व्यक्ति को भी कागजों में मार दिया गया। जनपद पंचायत गंगेव से संबल योजना के हितग्राही श्रमिक की 1 अगस्त को मृत्यु बता कर 5 हजार रुपए की सहायता राशि भी जारी कर दी गई। अंतेष्टि सहायता सहायता राशि के रूप में 5 हजार रुपए का नगद भुगतान भी कर दिया गया। पंच, सरपंच, सचिव के सामने राशि भुगतान के साक्षी भी बने। जब परिजनों और मृत बताए गए व्यक्ति को इसकी जानकारी लगी तो उनके होश उड़ गए। अब खुद को जिंदा शाबित करने पीडि़त व्यक्ति और उनका परिवार कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है। जिस व्यक्ति को कागजों में मृत बताया गया उनका नाम धुधकी निवासी काशी प्रसाद मुड़हा है। वह मंगलवार को जनसुनवाई में परिजनों के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके जिंदा रहते ही उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिय ागया है। अंत्येष्टि सहायता स्वीकृति आदेश में जिन साक्षियों का नाम लिखा है। उनमें पंच, सरपंच और सचिव, उनका पुत्र शामिल है। इन सभी पर भी 5 हजार की सहायता राशि के लिए यह सारा कांड किए जाने का आरोप लगाया गया है। जनसुनवाई में पीडि़त ने आवेदन दिया है। अधिकारियेां ने उन्हें थाना में एफआईआर कराने के लिए कहा है। प्रशासन की तरफ से इस बड़े फर्जीवाड़े और लापरवाही पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।