स्वास्थ्य विभाग में हुआ था 2 करोड़ का घोटाला, जांच हुई लेकिन दब गई अब कांग्रेसियों ने उठाया मुद्दा
स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ रहे चार सीएमएचओ के कार्यकाल में सामग्री से लेकर दवाइयों की खरीदी में बड़ी अनियमितता हुई। क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। चार साल में 2 करोड़ 10 लाख रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। 30 की डस्टबिन 1300 में खरीदी गई। 10 टेबलेट 399 की 999 रुपए में खरीदी की गई। स्वास्थ्य विभाग में हुए फर्जीवाड़े की जांच भी कराई गई थी लेकिन मामले में कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने कमिश्नर रीवा संभाग रीवा से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन और जांच रिपोर्ट सौंप कर मामले में कार्रवाई की मांग की है।
4 सीएमएचओ की पदस्थापना के दौरान हुआ था फर्जीवाड़ा
कमिश्नर से मामले में कार्रवाई की मांग की गई, कलेक्टर ने कराई थी जांच लेकिन फाइल दब गई थी
रीवा। जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष किसान नेता कुंवर सिंह और प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने मंगलवार को रीवा कमिश्नर डीएम जामोद से मुलाकात की। उन्होंने रीवा जिला अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध की गई खरीदी एवं आर्थिक अधिनियमिता से संबंधित 2 करोड़ 10 लाख 47544 के भ्रष्टाचार के जांच प्रतिवेदन को सौंपा। ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई ज्ञापन में कहा गया कि रीवा जिले में पदस्थ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गण जिम डॉक्टर आर एस पांडे डॉक्टर एमएल गुप्ता, डॉक्टर बी एल मिश्रा एवं डॉक्टर एन एन मिश्रा जो 20 अगस्त 2018 से 2 नवंबर 2022 तक पदस्थ रहे हैं। उनके द्वारा रीवा जिले में स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा प्रदाय सफाई धुलाई एवं बीएमडब्ल्यू प्रबंधन एवं जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर आजादी के अमृत महोत्सव के बजट प्रदाय का हेड बदलकर एमपीपीएचएससीएल में अनुबंध होने के बावजूद केंद्रीय दर से अधिक दर पर घटिया सामग्री की खरीदी की। ब्लीचिंग पाउडर, ड्रेसिंग पद ग्लूकोमीटर ग्लूकोमीटर स्ट्रिप में आधा सामान खरीद कर फर्जी तरीके से भुगतान कर रुपयों का बंदर बांट किया।
शिकायत में यह आरोप लगाए गए
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। एचएम शाखा द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा द्वारा दस्तक अभियान अंतर्गत क्रय एवं क्रियान्वयन में की गई अनियमिताओं में फीडिंग डीएमडी पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई। दवाइयों की खरीदी में शासन की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। दवाइयां को विकास खंडवार नहीं भेजा गया। ग्राम बार एनीमिया के टेस्ट का संचालन नहीं किया गया। इसी प्रकार दस्तक अभियान अनुसार सेवाएं प्रदान नहीं की गई व पोर्टल पर एंट्री फर्जी तरीके से की गई व दस्तक अभियान अंतर्गत बच्चों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक निमोनिया प्रबंधन के इंजेक्शन एवं पीडियाट्रिक ब्लड बैंक का वितरण गाइडलाइन के अनुसार नहीं किया गया।
डीएमएफ मद से मिली राशि में भी बंदरबाट
इसी प्रकार जिला खनिज मद अर्थात डीएमएफ में कलेक्टर एवं जिला खनिज न्यास के प्रशासकीय स्वीकृत के आदेश क्रमांक 2633 दिनांक 20 नवंबर 2019 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा को स्वीकृत 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केदों व 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 355 सब हेल्थ सेंटरों के सुचारू रूप से संचालन हेतु आवश्यक उपकरण एवं सामग्री कर हेतु 167.42 लाख रुपए की शासकीय स्वीकृति की गई थी। उपरोक्त राशि के बारे में भी मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया । इसमें भी अनियमितता की गई।
कलेक्टर की जांच में सामने आई थी अनियमितता
जिला कलेक्टर रीवा द्वारा जांच दल गठित किया गय। जिसमें संजीव पांडेय डिप्टी कलेक्टर सहित 7 सदस्य जांच दल ने जांच करके प्रतिवेदन दिया। इसमें एक डस्टबिन 30 लीटर की कीमत 244 रुपए 90 पैसे मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड भोपाल के एक्टिव रेट कॉन्टैक्ट डिटेल के अनुसार खरीदी जानी थी लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा द्वारा 30 लीटर डस्टबिन की कीमत 1300रुपए दी गई। एक डस्टबिन पर 1055रुपए अधिक दर से भुगतान किया गया। इसी प्रकार टैबलेट सीफेक्शम 200 एमजी जिनकी संख्या 1 लाख है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 399 रुपए प्रति 10म 10 होना चाहिए था लेकिन टैबलेट 20000 की कीमत 990 रुपए के हिसाब से भुगतान की गई। इसी प्रकार ग्लूकोमीटर सहित अन्य सामग्रियों में अनियमिता की गई है।
रीवा के चिकित्सा अधिकारियों द्वारा एक ही नोट सीट पर स्वीकृत की गई सामग्रियों या करय खंड-खंड में वित्तीय प्रावधानों का अतिक्रमण करते हुए खुली निविदा ना कर सीमित निविदा के द्वारा किया गया है। जिससे लगभग 2 करोड़ 10 लाख 47544 का अनियमितता एवं भ्रष्टाचार करके भुगतान किया गया है। रीवा जिले में पदस्थ डॉक्टर आर एस पांडे, डॉक्टर एमएल गुप्ता,डॉक्टर बी एल मिश्रा, डॉक्टर एन एन मिश्रा द्वारा 2 करोड़ 10 लाख 47544 रुपए के अनियमित भुगतान की जांच संजीव पांडेय डिप्टी कलेक्टर रीवा सहित सात सदस्यों ने की थी। जांच प्रतिवेदन2 नवंबर 2022 को जिला कलेक्टर जिला रीवा को दिया गया था। इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।