अनुकंपा नियुक्ति फर्जीवाड़ा: 36 को बुलाया लेकिन 26 ही आए 10 कंडीडेट गायब
जिला शिक्षा अधिकारी ने अनुकंपा नियुक्ति में फर्जीवाड़ा की जांच शुरू कर दी। एक साल में जितनी भी अनुकंपा नियुक्ति दी गई हैं। उनकी जांच की जा रही है। सोमवार को सभी कैंडिडेट और आचार्य को रिकार्ड के साथ तलक किया गया था लेकिन 36 में से सिर्फ 26 मौके पर पहुंचे 10 नदारद रहे । इनके शामिल नहीं होने से शक की सुई और गहरी हो गई है।

फर्जी दस्तावेज से अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी होने से मचा हड़कंप
डीईओ ने अपने कार्यकाल के दौरान जारी आदेशों की जांच शुरू की
रीवा। आपको बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है । यह फर्जीवाड़ा अनुकंपा नियुक्ति का है। डीईओ ऑफिस से ऐसे व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया था जिसकी मां कहीं शिक्षक की नहीं थी। फर्जी दस्तावेज तैयार कर यह पूरा कांड किया गया। नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद बृजेश कोल ने नौकरी भी कर ली। मामले का खुलासा तब हुआ जब वेतन जनरेट करने की आई। संकुल प्राचार्य ने बृजेश कोल से सारे रिकॉर्ड मांग लिए और जब मां के यूनिक आईडी की खोज हुई तो कहीं रिकार्ड नहीं मिला। तब मामला प्रकाश में आया और पूरे सिस्टम की पोल खुल गई। अब इसी तरह के और भी फर्जीवाड़े की तलाश शुरू की गई है। डीईओ ने जांच बैठा दी है। दस्तावेज की पड़ताल शुरू है। एक साल के अंदर हुई अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े सभी अभ्यर्थियों को तलब किया गया। सोमवार को रिकार्ड के साथ बुलाया गया था। 36 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था लेकिन जांच कराने सिर्फ 26 ही पहुंचे। 10 नदारद रहे। ऐसे में गायब 10 अभ्यर्थियों पर शक और गहरा गया है। उन्हें मंगलवार तक का मौका और दिया गया है। यदि इसके बाद भी नहीं पहुंचे तो यह तय हो जाएगा कि अनुकंपा नियुक्ति में फर्जीवाड़ा करने वालों की संख्या एक नहीं है। इसमें कई सामिल हैं।
गिरोह कर रहा है काम
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जिस तरह से बृजेश कोल की अनुकंपा नियुक्ति जारी की गई । उससे तो यह प्रतीत होता है कि कोई गिरोह डीईओ ऑफिस में काम कर रहा है। यह गिरोह ही सारे दस्तावेज अभ्यर्थियों तक पहुंचा रहा है। इन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ली जा रही है। अब जब तक पिछले चार सालों के रिकार्ड नहीं चेक होंगे, यह फर्जीवाड़ा पकड़ में नहीं आएगा।
14 मार्च से 31 मई तक के रिकार्ड खंगाल रहे
जिला शिक्षा अधिकारी पर आंच आने के बाद मामले की पड़ताल में तेजी आ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता खुद को बचाने और दाग धोने की कोशिश में लग गए हैं। 14 मार्च 2024 से 31 मई 2025 के दौरान हुई सभी अनुकंपा नियुक्तियों की जांच शुरू की गई है। इस दौरान नौकरी पाने वालों को रिकार्ड के साथ तलब किया गया है। अब 10 कंडीडेट दस्तावेज जांच कराने नहीं आए। ऐसे में यदि यह सारे फर्जी हुए तो अधिकारियों की नींद उड़नी तय है।
रोस्टर नियमों का नहीं हुआ पालन
अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने रोस्टर नियमों का पालन नहीं किया। बिना पद के ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह सारा खेल अब सामने आ रहा है।
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36 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। 26 अभ्यर्थी ही पहुंचे। 10 नहीं आए। उन्हें मंगलवार को भी बुलाया गया है।
सुदामा लाल गुप्ता
डीईओ, रीवा