बागी हुए कांग्रेस के ब्राम्हण नेता, खुद चलाएंगे कांग्रेस, विंध्य भर के 140 नेता रीवा में जुटे, बढ़े आंदोलन और विरोध की तैयारी
कांग्रेस में जिला अध्यक्ष की घोषणा के बाद विवाद है कि थम ही नहीं रहा। विरोध और अंतरकलह बढ़ता जा रहा है। पहले मुस्लिम नेताओं ने पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंका। अब ब्राम्हण नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। ब्राम्हण नेता पार्टी में उपेक्षा से नाराज हैं। खुद का आस्तित्व बचाने विंध्य भर के नेता रीवा में जुटे और नई रणनीति तैयार की गई है। ब्राम्हण नेताओं ने तय किया है कि अब वह खुद कांग्रेस चलाएंगे और सरकार चलाएंगे।

विंध्य के 9 जिलों से 140 नेता रीवा पहुंचे, समदडिय़ा गोल्ड में हुई चिंतन बैठक
रणनीति तय की गई, सीधे प्रतिनिधि मंडल राहुल गांधी से मिलेगा और हक की मांग करेगा
रीवा। कांग्रेस में घमासान मच गया है। संगठन श्रृजन के नाम पर नए जिला अध्यक्ष तो मिले लेकिन पार्टी का श्रृजन होने की जगह विघटन होना शुरू हो गया है। यहां सभी एक एक कर किनारा करने लगे हैं। पहले रीवा से मुस्लिम नेताओं ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए किनारा कर लिया। भोपाल तक अपनी बात रखने गए। इसके बाद अब बड़ा झटका विंध्य के ब्राम्हण नेताओ ने दिया है। संगठन श्रृजन के नाम पर जिला अध्यक्षों के चयन से वह नाराज है। श्रृजन तो किया गया लेकिन ब्राम्हण नेताओं को कांग्रेस में हासिए पर रख दिया गया। विंध्य में सिर्फ एक ही नेता बचा। इसके कारण विंध्य भर के कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही पार्टी से लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है। रीवा में 140 दिग्गज नेता जुटे। समदडिय़ा गोल्ड में घंटो मंथन हुआ। रणनीति बनी और फाइनल रिजल्ट यह निकल कर आया कि प्रतिनिधि मंडल राहुल गांधी से सीधे मिलेगा। उनसे बात करेगा और अपने आस्तित्व की लड़ाई लड़ेगा। ब्राम्हण नेता खुद कांग्रेस सरकार बनाएंगे और चलाएंगे। इस विरोध के बाद कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के होश उड़े हुए हैं।
विनोद शर्मा और गिरिजेश पाण्डेय ने की पूरी प्लानिंग
कांग्रेस के वरिष्ठ ब्राम्हण नेताओं को जुटाने का काम विनोद शर्मा और वरिष्ठ नेता गिरिजेश पाण्डेय ने किया। इस चिंतन बैठक में मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, रीवा, सतना के नेता पहुंचे। सभी ब्राम्हण नेताओं ने पार्टी में की गई उपेक्षा से नाराजगी व्यक्त की। ब्राम्हण नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक हिस्सेदारी की जो उपेक्षा हो रही है। उसे बर्दास्त नही किया जाएगा। इस मामले को दिल्ली हाई कमान राहुल गांधी तक ले जाने की रणनीति तय की गई। चिंतन बैठक में यह तय किया गया पार्टी में ब्राम्हण समाज का सम्माजनक प्रधिनिधित्व बढ़ाना अनिवार्य है। साथ ही यह भी विचार किया गया कि रीवा संभाग में कांग्रसे पार्टी का वर्चस्व फिर से स्थापित करने के लि ए राहुल गांधी से मिलकर पॉवर प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। उनसे जनसंख्या के अनुपात में हक की मांग की जाएगी।
सिर्फ एक ब्राम्हण नेता ही बचा
रीवा संभाग में सिर्फ एक ही ब्राम्हण नेता बचा है। कांग्रेस ने हाल ही में संठगन श्रृजन अभियान के तहत सभी जिलों के नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद से ही विरोध के स्वर फूट पड़े हैं। सभी जिलों में नए अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के नेताओं को हजम नहीं हो रहे हैं। सतना, रीवा में ड्डवरोध तेज हो गया है। ब्राम्हण समाज कांग्रेस पार्टी में उपेक्षा से नाराज हैं। उनका कहना है कि पहले संभाग में चार ब्राम्हण थे। अब घटकर सिर्फ एक रह गए हैं। पहले मऊगंज से पद्मेश गौतम, सतना से दिलीप मिश्रा, सिंगरौली से ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, रीवा से राजेन्द्र शर्मा अध्यक्ष थे। अब रीवा में राजेन्द्र शर्मा तो हैं लेकिन ग्रामीण अध्यक्ष अशोक पटेल झब्बू को बना दिया गया है। इसी तरह सतना शहर अध्यक्ष आरिफ इकबाल सिद्दीकी, ग्रामीण अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को बनाया गया है। सीधी में ज्ञान प्रताप सिंह, सिंगरौली सिटी में प्रवीण सिंह चौहान को शहर और सरस्वती सिंह मरकाम को ग्रामीण अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं नए जिले मऊगंज में हरिलाल कोल और मैहर में धर्मेश घई को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बैठक में इन दिग्गज नेताओं की रही भागीदारी
ब्राम्हण समाज की इस बैठक मेंं प्रमुख रूप से लक्ष्मण तिवारी, पूर्व विधायक, सतना के निवर्तमान जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा, रामपुर बघेलान के कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे रामशंकर पयासी, राजेन्द्र मिश्र पूर्व अध्यक्ष जिला कांग्र्रेस सतना, महीपत शुक्ला सतना, ब्रिजेन्द्र शुक्ला एडवोकेट पूर्व जनपद अध्यक्ष मऊगंज, गणेश पाण्डेय पूर्व नगर परिष्ज्ञद अध्यक्ष सिरमौर, ऋषिराज मिश्रा उपाध्यक्ष जनपद रामपुर नैकिन, मनोज कुमार दुबे अध्यक्ष किसान कांग्रेस सिंगरौली, अमित द्विवेदी पूर्व महामंत्री पीसीसी, देवेन्द्र पाठक अध्यक्ष जिला सरपंच सिंघ सिंगरौली, प्रभात द्विवेदी जनपद सदस्य मैहर, प्रमोद मिश्र ब्लाक अध्यक्ष अमरपाटन, प्रदीप समदरिया संगठन मंत्री सतना, लालमणि पाण्डेय पूर्व जनपद अध्यक्ष रीवा, संतोष कुमार सिहावल, सूर्य कुमार द्विवेदी युवक कांग्रेस अध्यक्ष सिंगरौली, ओम प्रकाश अग्निहोत्री चुरहट, अरुण गौतम त्योंथर, लक्ष्मीशंकर मिश्र जनपद त्योंथर, हरिगोविंद सिंह तितवारी मऊगंज, नर्मदेश्वर पाठक मऊगंज, जगदीश मिश्रा पूर्व जिला पंचायत सदस्य सीधी, दिनेश नारायण पीडिय़ा गुढ़, अनिल त्रिपाठी विधायक प्रतिनिधि सेमरिया, राजू पाण्डेय विधायक प्रतिनिधि सेमरिया, अमृतांश तिवारी युवक कांग्रेस अध्यक्ष सिरमौर, डॉ विमल दुबे रीवा, डॉ विनोद शुक्ला, पीसीसी सदस्य मऊगंज, आरबी शर्मा देवतालाब, लक्ष्मीकांत शुक्ल सीधी, विपिन पाण्डेय गुढ़, बृजेश पाण्डेय सिरमौर, अशोक पाण्डेय सिरमौर सहित संभाग के 6 जिलों से 140 प्रमुख ब्राम्हण नेता मौजूद रहे।
एक दिन पहले ही पढ़ा कर गए थे मिलकर काम करने का पाठ
हद तो यह है कि एक दिन पहले ही सभी कांग्रेस नेताओं को पाठ पढ़ाने पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल कांग्रेस पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। सभी कांग्रेस के नेताओं को एकता और अनुशासन का पाठ पढ़ाया था। सभी को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उनके पढ़ाए गए पाठ का एक भी दिन असर नहीं रह गया। अगले ही दिन संभागभर के नेता रीवा में डट गए और बड़े स्तर पर विद्रोह की तैयारी खड़ी कर दी।
टुकड़ों में बंट गई कांग्रेस, अंतर कलह शुरू
कांग्रेस पार्टी अभी तक भाजपा से लड़ रही थी। अब खुद से ही लड़ रही है। अंतर कलह शुरू हो गया है। अलग अलग समाज और धर्म के नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। पहले कांग्रेस रीवा में मुस्लिम नेताओं ने किनारा किया था। विरोध कर रहे थे। अपना हक मांग रहे थे। अब वह इसी कदम पर ब्राम्हण नेता भी चल पड़े हैं। उन्होंने भी आस्तित्व की लड़ाई शुरू कर दी है। इस लड़ाई से फिलहाल भाजपा को फायदा होगा।